कोलकाता: माओवादियों के हिट लिस्ट में एक बार फिर पश्चिम बंगाल का नाम शामिल हो गया है. राज्य के खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव के पहले या चुनाव के दौरान यहां माओवादी हमला होने की आशंका जतायी जा रही है. खुफिया विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश-झारखंड की सीमा पर माओवादियों की गतिविधि लगातार बढ़ रही है.
जंगलमहल में पिछले चार वर्षों से माआेवादी गतिविधियां शांत थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से खुफिया विभाग काफी चिंतित है. गौरतलब है कि 10 फरवरी को सालबनी में माओवादियों के समर्थन में पोस्टर लगे थे, इसके बाद 12 फरवरी को वहां से लैंडमाइन बरामद हुआ था, इसके बाद 19 फरवरी को फिर से वहां माओवादी पोस्टर देखने को मिला.
खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बंगाल-झारखंड की सीमा पर घाटशिला व पटमदा क्षेत्र में माओवादियों नेताओं ने डेरा जमाया है. माओवादी नेता किशनजी की मौत के बाद राज्य कमेटी का पुनर्गठन किया जा चुका है. असीम मंडल व उर्फ आकाश को राज्य सचिव का राज्य सचिव बनाया गया है.
वहीं, गोरिल्ला वाहिनी का दायित्व रंजीप पाल उर्फ राहुल को सौंपा गया है. जंगलमहल क्षेत्र में संगठन को फिर से खड़ा करने का दायित्व विकास को दिया गया है. खुफिया विभाग ने आशंका जाहिर की है कि झारखंड की सीमा से कई माओवादी बंगाल में प्रवेश कर गये हैं. दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित बुरुडि गांव घने जंगलों के बीच है और इस क्षेत्र में ही माओवादियों के कई कैंप हैं. सीमा से सटे हुए चिराकुटी, सिमुलपाल, लवनी, शाखाभांगा सहित कई गांवों में माओवादियों की गतिविधियां देखी गयी हैं, यहां उनका आना-जाना लगा हुआ है. इसलिए चुनाव की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने सीमा क्षेत्र काे सील करने का निर्देश दिया है और साथ सीमा पर सटे गांवों में तलाशी अभियान शुरू करने का फैसला किया है.