बंगाल : कृमि की दवा खाकर 500 से अधिक बच्चे बीमार, हालत बिगड़ी
हल्दिया/कोलकाता : कृमि की सरकारी दवा खाकर पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना के बासंती, गोसाबा व कैनिंग के कई स्कूलों के 200 से अधिक बच्चों के बीमार होने के बाद पूरे इलाकें में उत्तेजना फैल गयी है. अपुष्ट खबरों के मुताबिक इस घटना में 15-20 बच्चों की मौत की खबर है. इस घटना के […]
हल्दिया/कोलकाता : कृमि की सरकारी दवा खाकर पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना के बासंती, गोसाबा व कैनिंग के कई स्कूलों के 200 से अधिक बच्चों के बीमार होने के बाद पूरे इलाकें में उत्तेजना फैल गयी है. अपुष्ट खबरों के मुताबिक इस घटना में 15-20 बच्चों की मौत की खबर है. इस घटना के बाद अभिभावकों में आतंक का माहौल व्याप्त हो गया.
कई स्कूलों में अभिभावकों ने शिक्षकों के खिलाफ असहयोग का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया. जिसके बाद पुलिस ने पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. शाम के वक्त तमलुक के नीमतौड़ी में अभिभावकों ने 41 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर विरोध जताया. तमलुक थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पथावरोध हटाया. वहीं दक्षिण 24 परगना के बांसती, कैनिंग व गोसाबा में स्थिति खराब होने पर बच्चों को कैनिंग व बांगुर अस्पताल में रेफर किया गया है. बासंती के ऋतुब्रत स्कूल में बच्चों के अभिभावकों ने तोड़-फोड़ भी की है.
हालांकि जिला स्वास्थ्य कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, आतंकित होने जैसे हालात पैदा नहीं हुए हैं. किसी स्कूल में दो-एक विद्यार्थियों के बीमार होने की सूचना मिलने पर छात्र-छात्राओं के साथ-साथ अभिभावकों में भी बेवजह आतंक फैल जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई. पूर्व मेदिनीपुर के सीएमओएच डॉ निताई मंडल ने कहा कि आतंकित होने की कोई घटना नहीं हुई है. जिला स्वास्थ्य विभाग मामले पर नजर रख रहा है. आमतौर पर कृमि की दवा सभी खाते हैं. हम भी खाते हैं.
खाली पेट यह दवा खाने से उलटी जैसा मन, पेट दर्द, सिर दर्द हो सकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि जिन बच्चों ने खाली पेट यह दवा खाई है वह ही बीमार हुए हैं. दो-एक छात्रों के बीमार होने से बाकी विद्यार्थी भी आतंकित होकर बीमार पड़ गये. स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में बीमार बच्चों की चिकित्सा की व्यवस्था की गयी है.
बुधवार को जिले के विभिन्न स्कूलों में कृमि की दवा ‘ऐलबेनडाजोल’ खिलायी गयी. सरकारी कार्यसूची के तहत यह दवा खिलायी गयी. स्कूलो में मंगलवार को ही दवा पहुंचा दी गयी थी. बुधवार सुबह विभिन्न स्कूलों में दसवीं तक के विद्यार्थियों को यह दवा खिलायी गयी. लेकिन दवा खाने के बाद से कोलाघाट, मौयना, चंडीपुर, भगवानपुर जैसे स्कूलों में छात्राओं के बीमार होने की खबर चारों ओर फैल गयी. अभिभावक अपने बच्चों को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने लगे.
स्कूल में पहुंच कर बच्चों के बीमार होने की खबर पाकर कोलाघाट के सिद्धा हाई स्कूल, उत्तर जियादा प्राथमिक स्कूल, सागरबाड़ हाई स्कूल, पायराचौक हाई स्कूल, भगवानपुर के गाजनपुर हाई स्कूल सहित मौयना व चंडीपुर के कई प्राथमिक व हाई स्कूलों में अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. कुछ स्कूलों में तोड़फोड़ की घटना भी हुई. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. कोलाघाट के जियादा इलाके के स्थानीय चिकित्सक डॉ समरेश पड़िया ने कहा कि करीब 20-25 बीमार बच्चे उनके पास पहुंचे थे.
कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं था. प्राथमिक चिकित्सा के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. हालांकि दो-तीन बच्चों के अधिक असहज महसूस होने पर उन्हें तमलुक भेजा गया है. बच्चों में मूल रूप से पेट दर्द, उलटी का मन और सिर दर्द की समस्या देखी गयी. लगता है कि खाली पेट उन बच्चों ने दवा खाई थी. खून की उलटी या अन्य कोई गंभीर शिकायत नहीं देखी गयी. जिला शिक्षा कार्यध्यक्ष मामूद हुसैन ने कहा कि घटना की जांच की जायेगी. जिला पुलिस अधीक्षक आलोक राजौरिया ने कहा कि कृमि की दवा खाने के बाद कुछ स्कूलों में बच्चों के बीमार होने पर अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन की घटना हुई थी. लेकिन स्थिति नियंत्रण में है.