हाइटेक चुनाव : खूब कर रहे सोशल मीडिया का इस्तेमाल

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया के क्रांतिकारी प्रभाव को देखते हुए अपनी लड़ाई को साइबर जगत में ले गयी हैं. नयी पीढ़ी तक पहुंचने की कोशिश के तहत, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, कांग्रेस, और भाजपा अपने शीर्ष नेताओं के जरिये डिजिटल जगत में अपनी मौजूदगी महसूस कराने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2016 6:59 AM
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया के क्रांतिकारी प्रभाव को देखते हुए अपनी लड़ाई को साइबर जगत में ले गयी हैं. नयी पीढ़ी तक पहुंचने की कोशिश के तहत, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, कांग्रेस, और भाजपा अपने शीर्ष नेताओं के जरिये डिजिटल जगत में अपनी मौजूदगी महसूस कराने के लिए नये विचारों के साथ आयी हैं.
स सूची में शीर्ष पर तृणमूल की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, जो न सिर्फ नियमित तौर पर फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल करती हैं, बल्कि वहां पर बहुत लोकप्रिय चेहरा भी हैं. ममता के फेसबुक पेज को करीब 16 लाख लोग लाइक कर चुके हैं और उनके ट्विटर हैंडल पर 2.6 लाख से ज्यादा फोलोअर हैं. ममता ने हाल ही में फेसबुक पर किये गये एक पोस्ट में कहा : तृणमूल कांग्रेस सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है और इसकी ट्विटर, फेसबुक तथा यूट्यूब पर मजूबत मौजूदगी है. इसने हमें आप सब से हमारे विचार, उपलब्धियां और चिंताएं साझा करने के लिए एक बड़ा मंच दिया है. उन्होंने कहा : मुझे उम्मीद है कि डिजिटल दुनिया के माध्यम से हमसे जुड़कर आपको अच्छा अनुभव हुआ होगा.

तृणमल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन जो खुद सोशल मीडिया पर सक्रिय रहनेवालों में हैं, ने कहा कि अगर आपका पिछले चार-पांच सालों में अच्छा रिकॉर्ड रहा है, तो संचार अभियान चलाना आसान है. श्री ब्रायन ने कहा : ममता दीदी एक जन नेता हैं और उन्होंने बहुत पहले ही सोशल मीडिया का महत्व भांप लिया था- चाहे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब हो या फिर व्हाट्सएप. अगर वह दो लाख लोगों के साथ एक भी रैली करती हैं, तो उनका मानना यही रहता है कि फेसबुक पर पोस्ट या एक ट्वीट किया जाये. श्री ब्रायन के खुद ट्विटर पर छह लाख से ज्यादा फोलोअर हैं.

उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्विटर पर नियमित पोस्ट के अलावा पार्टी अगले हफ्ते से यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया के मंचों का भी इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा : हमारे पास छोटे ऑडियो कैप्सूल हैं, जो टीवी और यूट्यूब पर प्रसारित किये जायेंगे. हम लोगों तक पहुंचने के लिए व विकास कार्यों का प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया के सभी रूपों का इस्तेमाल करेंगे. जाने माने गायकों द्वारा तृणमूल के शासन की उपलब्ध्यिों का बखान करने के लिए गाये गाने भी आनेवाले दिनों में ऑनलाइन कर दिये जायेंगे. इस प्रांत में चार अप्रैल से पांच मई के बीच कई चरणों में चुनाव होने हैं, जिनमें वाम मोरचा कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ताधारी तृणमूल को चुनौती देगा.
माकपा एक जमाने में भारत में कंप्यूटर लाने का जोरदार ढंग से विरोध किया करती थी. उसका तर्क था कि यह लोगों की नौकरियां छीन लेगा, मगर अब वह भी युवा मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने के लिए फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. माकपा के अग्रिम पंक्ति के नेता जैसे पोलित ब्यूरो सदस्य और राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा, माकपा सांसद और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम, प्रतिष्ठित चेहरा सुजन चक्रवर्ती, युवा नेता ऋतव्रत बनर्जी फेसबुक और ट्विटर के नियमित उपयोगकर्ता हैं. माकपा के सोशल मीडिया शाखा के प्रभारी और पार्टी के राज्य सचिवालय के सदस्य श्रीदीप भट्टाचार्य ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर एक लोकतांत्रिक मंच है, जहां पर आप कुछ ही सेकेंड में अपने विचार रख सकते हैं और कुछ ही मिनटों में लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं. एक वक्त था जब मीडिया घराने अपनी नीतियों के अनुसार चलते थे, लेकिन सोशल मीडिया पर आप खुद के बॉस हैं, आप अपने विचार रख सकते हैं, चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं.
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और ओमप्रकाश मिश्रा जैसे वरिष्ठ नेता नियमित तौर पर फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं.
दूसरी ओर, भाजपा के पास संगठन शक्ति का अभाव है, लेकिन उसने लोगों तक पहुंच बनाने के लिए डिजिटल मीडिया के जरिये सभी कोशिशें की हैं.भाजपा के मीडिया प्रभारी कृशानु मित्रा ने कहा कि करीब 70 लाख लोगों के पास स्मार्टफोन हैं. बंगाल में एक करोड़ से ज्यादा लोग सोशल मीडिया का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह फेसबुक, व्हाट्सएप हो या ट्विटर. लिहाजा हम आसानी से इनके माध्यम से अपने संदेश लोगों तक भेज सकते हैं.
भाजपा नीरज गौड़ को बंगाल में लेकर आयी है, जिन्होंने हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव जीतने में भाजपा की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.

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