चुनाव से पहले आलू की कीमत आसमान पर
कोलकाता : चुनाव के पहले सब्जियों की कीमत नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार ने कई उपाय किये थे, लेकिन उनके द्वारा किये गये सारे उपाय विफल साबित हुए हैं. चुनाव के ठीक पहले आलू सहित अन्य सब्जियों की कीमतें सांतवें आसमान पर हैं और इससे आम जनता की परेशानी और भी बढ़ गयी है. […]
कोलकाता : चुनाव के पहले सब्जियों की कीमत नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार ने कई उपाय किये थे, लेकिन उनके द्वारा किये गये सारे उपाय विफल साबित हुए हैं. चुनाव के ठीक पहले आलू सहित अन्य सब्जियों की कीमतें सांतवें आसमान पर हैं और इससे आम जनता की परेशानी और भी बढ़ गयी है.
शनिवार को कोलकाता के विभिन्न बाजारों में ज्योति आलू की कीमत 16 रुपये प्रति किलो थी, जबकि चंद्रमुखी आलू की कीमत बढ़कर 21-22 रुपये प्रति किलो हो चुकी है. वहीं, दुकानदारों ने यह भी कह दिया है कि आलू की कीमत अगले कुछ दिनों में 20 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा भी पार कर जायेगी.
गौरतलब है कि चुनाव के समय आलू की कीमत सामान्य रखने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं महंगाई को नियंत्रित करनेवाली टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ बैठक की थी और बैठक में आबकारी विभाग, कोलकाता पुलिस, बाजार व व्यवसाय के विभिन्न संगठनों को सचेत करते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान सब्जियों की कीमत नहीं बढ़नी चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री के इस निर्देश का कोई फायदा नहीं हुआ.
इस वर्ष बंगाल में यहां की मांग की तुलना में लगभग दोगुना आलू का उत्पादन हुआ है. बंगाल में प्रत्येक वर्ष 50-55 लाख मेट्रिक टन आलू की खपत होती है, जबकि उत्पादन 1.2 करोड़ टन से भी अधिक हुआ है. उसके बावजूद आलू की कीमत घट नहीं हो रही. विक्रेताओं का कहना है कि आलू कीमते और बढ़ सकती हैं.