बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दें जनप्रतिनिधि

‘लोकतंत्र की बढ़ाये शान, आप जरूर करें मतदान’. बोली सीक लाइन की जनता कोलकाता : महानगर का हिस्सा होने के बावजूद भी सीक लाइन का यह इलाका काफी पिछड़ा है. पूरी तरह से बस्तियों से पटे इस इलाके में हाल के वर्षों में विकास की कुछ बयार देखने को मिली है. फिर भी शुद्ध पेय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 7:44 AM
‘लोकतंत्र की बढ़ाये शान, आप जरूर करें मतदान’. बोली सीक लाइन की जनता
कोलकाता : महानगर का हिस्सा होने के बावजूद भी सीक लाइन का यह इलाका काफी पिछड़ा है. पूरी तरह से बस्तियों से पटे इस इलाके में हाल के वर्षों में विकास की कुछ बयार देखने को मिली है. फिर भी शुद्ध पेय जल और शौचालय की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है. साथ ही चुनाव आयोग पर भी यहां के लोग उदासीनता का आरोप लगाते हैं क्योंकि 20-25 वर्षों से यहां रहने के बाद भी उनका वोटर कार्ड नहीं बन सका है. जिसकी वजह लोगों में जानकारी का अभाव है.
लोगों की मांग है कि बच्चों के खेलने के लिए खाली मैदान को सुसज्जित कर एक पार्क बना दिया जाय. सबसे अच्छी बात यह है कि पूरी तरह से सरकार के भरोसे रहने की बजाय लोग प्रत्येक रविवार को सामूहिक सफाई अभियान चलाकर इलाके की सफाई का काम कर रहे हैं. प्रस्तुत है लोगों को वोट के लिए प्रेरित करने की अनोखी मुहिम के अंतर्गत यहां के लोगों की राय –
तारकेश्वर दास ने बताया कि वर्तमान पार्षद ने सीक लाइन में काफी विकास किया है. बच्चों के स्कूल का पुनर्निर्माण, टॉयलेट की व्यवस्था, पानी के लाइन व रोशनी की व्यवस्था इसमें शामिल है. पहले यहां पूरी तरह अंधकार रहता था, लोगों को पानी लाने के लिए डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी.
शंभू जैसवारा की राय पूरी तरह से अलग है. वह कहते हैं कि पानी की आपूर्ति शुरू तो हुई है, लेकिन उसका लाभ कुछ लोग ही उठा रहे हैं बाकी लोग अभी भी इस सुविधा से वंचित हैं. स्थिति तो यह है कि पानी के लिए मारपीट और थाना-पुलिस की नौबत आ जाती है. सामूहिक स्तर पर सफाई का काम हो रहा है. कार्पोरेशन की ओर से खास अवसरों को छोड़कर सफाई बिल्कुल नहीं होती है.
नवयुवक कृष्णा पांडे ने बताया कि समस्याएं अपनी जगह पर हैं लेकिन लोगों को अधिक से अधिक मतदान करना चाहिए. तभी सरकार पर दबाव बनेगा. इसी से सरकार को जनता की मानसिकता का पता चलता है. मतदान के अधिकार का प्रयोग नहीं करना एक सामाजिक अपराध है.
समाजसेवी सतेंद्र प्रसाद ने बताया कि हर चीज के लिए सरकार के भरोसे रहना ठीक नहीं है. वोटर कार्ड नहीं बनने से लेकर पानी या सफाई जैसी समस्याओं के लिए सबों को मिलजुल कर स्थानीय प्रतिनिधि के पास जाना चाहिए तभी समस्या का समाधान होगा. साथ ही आपस में एक दूसरे के प्रति सहिष्णुता से हर समस्या का हल होना चाहिए.
नवनीता सामंत व नीलम देवी वोटर कार्ड नहीं बनने से परेशान हैं. उनका कहना है कि वे 20-25 साल से यहां रह रही हैं. जनप्रतिनिधि उनकी इस समस्या पर ध्यान दें ताकि उनके बच्चों का भविष्य संवर सके.
शिक्षक भानु प्रकाश तिवारी ने कहा कि सरकार को वोटर कार्ड बनाने की प्रक्रिया को और सरल करना चाहिए. इसके साथ ही यहां पेयजल से लेकर शौचालय की समस्याओं के समाधान के लिए भी जनप्रतिनिधि को ध्यान देना चाहिए.
केंद्रीय सरकार के कर्मचारी ओम प्रकाश केवट कहते हैं कि सरकार के भरोसे की बजाय उनलोगों ने समूह बनाकर सफाई का अभियान प्रारंभ किया है. आम जनता अभी तक सफाई अभियान से जुड़ नहीं पायी है.
लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए गायत्री परिवार के सहयोग से वे लोग इस अभियान को चला रहे हैं. इस कार्य में श्रीकांत यादव, रंजीत साहनी, अशोक केवट, दिनेश यादव, रमेश यादव का पूरा सहयोग मिल रहा है.

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