कोलकाता. कांग्रेस और वाम मोरचा गंठबंधन की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि असम और केरल में दोनों में कोई गंठबंधन नहीं. दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़ कर रहें हैं और बंगाल में तृणमूल को हराने के लिए दोनों ने हाथ मिलाया है.
यह गंठजोड़ केवल सत्ता पाने की लालच में किया गया है. उन्होंने कहा कि सारधा से लेकर नारदा तक के भ्रष्ट्राचार में माकपा का हाथ है. 34 वर्षों में माकपा ने राज्य को पूरी तहर खोखला कर दिया था. तृणमूल जब सत्ता में आयी तो उसे 20 करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और माकपा नेताओं के पास चुनाव के समय शिकायत करने के सिवा कोई काम नहीं है.
गुरुवार को उत्तर 24 पगरना जिले के श्यामनगर भजरग प्रेस सर्कस मैदान में नाेवापाड़ा, जगदल, भाटपाड़ा एवं नैहाटी विधानसभा केंद्र के प्रत्याशी के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि पांच सालों के शासन में विरोधियों के पास हमारी सरकार के खिलाफ एक भी मुद्दा नहीं मिला तो कुछ मीडिया के सहारे सरकार को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है. चुनाव समाप्त होने के बाद इसकी पूरी जांच की जायेगी.
माेदी मन की बात नहीं उपदेश देते हैं :ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना कहा कि कहा कि वे मन की बात के जरिये देश के लोगों को उपदेश देते हैं. उससे कुछ होने वाला नहीं हैं. केंद्र से बंगाल को कोई सहयोग नहीं मिला और दिल्ली से कभी-कभी उनके नेता आकर बंगाल में ज्ञान देकर चले जाते हैं.
भाजपा के प्रत्याशी जहां-जहां से चुनाव लड़ रहे हैं. वहां के थानों के ओसी बदल दिये गये, इससे कुछ होने वाला नहीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लघु बचत पर ब्याज में कटाैती की, पीएफ निकासी पर रोक लगायी और कल्याणकारी कार्यक्रमों में लिए दी जानेवाली आर्थिक सहायता में कटौती की. उन्होंने कहा कि भाजपा बंंगाल में आंतक का माहौल बना रही है.