बंगाल में आतंक की राजनीति के आगे घुटने नहीं टेकेगी माकपा : येचुरी
कोलकाता : माकपा नेशनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल में ‘‘अभूतपूर्व” हिंसा हो रही है और राज्य में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से पार्टी के सात कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि वह आतंक की इस राजनीति के आगे घुटने नहीं टेकेगी और इसका मजबूती से सामना […]
कोलकाता : माकपा नेशनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल में ‘‘अभूतपूर्व” हिंसा हो रही है और राज्य में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से पार्टी के सात कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि वह आतंक की इस राजनीति के आगे घुटने नहीं टेकेगी और इसका मजबूती से सामना करेगी.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां पत्रकारों को बताया, पश्चिम बंगाल में अभूतपूर्व हिंसा हो रही है. अब तक हमारे सात कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. तीसरे चरण में चार और तीन पहले. वे जितनी ज्यादा हिंसा करेंगे, लोग उतना ही विरोध करेंगे. हम चुनौती का सामना करेंगे. जहां तक माकपा का सवाल है, डराने-धमकाने से काम नहीं चलेगा. आतंक की इस राजनीति के सामने घुटने न टेकने का इरादा जाहिर करते हुए येचुरी ने कहा कि ऐसी हिंसा तब तक नहीं हो सकती, जब तक इसे सत्ताधारी पार्टी की ‘‘शह” न मिले.
येचुरी ने कहा, हमारा प्रतिरोध बम इस्तेमाल करने केउनके तरीके के जरिये नहीं होगा. यह लोगों के सामूहिक दबाव के जरिए होगा. अब तक लोकतांत्रिक दबाव सफल हुआ है. नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले पर माकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेतृत्व की शह के बगैर यह नहीं हुआ होगा.
माकपा नेता ने कहा, अपने मुख्यमंत्री से कहिए कि यदि 20 लोगों के परिवार में दो ने कुछ गलत किया है और मां का उन पर नियंत्रण नहीं है तो यह होगा ही. वह उन्हें शह दे रही है. नेता की शह के बिना यह हो ही नहीं सकता था. ममता ने एक तरह से कबूल लिया है कि उनकी पार्टी के लोगों ने पैसे लिए.
‘‘राजनीतिक हिंसा” के मुद्दे पर माकपा नेता ने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि सोमवार को होने वाले चौथे चरण के चुनाव के दौरान ‘‘हमलों में इजाफा” हो सकता है. पार्टी ने कल चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह सख्त कार्रवाई करे और लोगों में निर्भीक होकर स्वतंत्र रूप से वोट डालने का विश्वास पैदा करे. येचुरी ने चुनावों के दौरान भारत-बांग्लादेश सीमा सील करने का मुद्दा भी उठाया.
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठजोड़ है ताकि ‘‘सत्ता विरोधी वोट” वामपंथी पार्टियों को मिलने की बजाय भाजपा को मिले. येचुरी ने कहा, जब राज्य के एक हिस्से में मतदान होता है तो वह (प्रधानमंत्री मोदी) दूसरे हिस्से में चुनाव प्रचार करते हैं. प्रधानमंत्री बंगाल में इतनी उर्जा लगाकर क्यों प्रचार कर रहे हैं. सिख कट्टरपंथ के उभार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह चिंताजनक है. येचुरी ने चेतावनी दी, हमें सिख कट्टरपंथ के फिर से सिर उठाने की खबरें मिली हैं. भविष्य में मुश्किल होगी.