तृणमूल के रवींद्रनाथ घोष, माकपा के तमशेर व भाजपा के अली हुसैन मैदान में , नाटाबाड़ी में कांटे की टक्कर की उम्मीद

कूचबिहार: कूचबिहार जिले के नाटाबाड़ी विधानसभा क्षेत्र पर इस बार सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि तृणमूल के जिला अध्यक्ष तथा निवर्तमान विधायक रवींद्र नाथ घोष एक बार फिर से इसी विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनका मुख्य मुकाबला माकपा के पूर्व विधायक तमशेर अली के साथ है. तमशेर अली को कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2016 1:22 AM
कूचबिहार: कूचबिहार जिले के नाटाबाड़ी विधानसभा क्षेत्र पर इस बार सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि तृणमूल के जिला अध्यक्ष तथा निवर्तमान विधायक रवींद्र नाथ घोष एक बार फिर से इसी विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनका मुख्य मुकाबला माकपा के पूर्व विधायक तमशेर अली के साथ है. तमशेर अली को कांग्रेस का भी समर्थन हासिल है. इसी वजह से माना जा रहा है कि इस बार यहां इन्हीं दोनों के बीच कांटे का मुकाबला होगा. हालांकि भाजपा के अली हुसैन इसको त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की कोशिश में लगे हैं.
नाटाबाड़ी विधानसभा का गठन दीवानहाट, गड़ियाहाटी-1 तथा 2, जिरानपुर, पानीशाला, बलरामपुर-1 तथा 2, चिलखाना-1 तथा 2, देवचरायी, दलपाल-2, मारूगंज, नाटाबाड़ी-1 तथा 2 ग्राम पंचायतों को लेकर हुआ है.

यह विधानसभा केंद्र कूचबिहार लोकसभा सीट के अधीन है. नाटाबाड़ी को कभी लालदुर्ग माना जाता था. 1977 से लेकर 2006 तक लगातार इस सीट पर वाम मोरचा का कब्जा रहा. पहले पांच बार माकपा के शेवेंद्र नारायण चौधरी यहां से चुनाव जीतते रहे. 2001 में माकपा ने तमशेर अली को टिकट दिया और उन्होंने बाजी मारी. 2006 के चुनाव में भी उन्हीं की जीत हुई, लेकिन 2011 के विधानसभा चुनाव में परिवर्तन की आंधी में तमशेर अली को हार का मुंह देखना पड़ा. तृणमूल के रवींद्रनाथ घोष ने उन्हें करीब आठ हजार से अधिक मतों से हराया था. इस बार भी मुख्य मुकाबले में यही दोनों हैं.

विकास को मुद्दा बना रहे हैं रवींद्रनाथ घोष
तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार रवींद्रनाथ घोष जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सामने रख उनके द्वारा किये गये विकास कार्यों के सहारे अपनी नैया पार लगाना चाहते हैं श्री घोष का कहना है कि पांच वर्षों की तृणमूल कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य का सर्वांगीण विकास हुआ.

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