मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति का विरोध

कोलकाता: एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोकेट्रिक राइट्स (एपीडीआर) की ओर से राज्यपाल एमके नारायणन को पत्र लिखकर राज्य मानवाधिकार आयोग के लिए नपराजित मुखर्जी को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने का विरोध किया गया है. इस बाबत एपीडीआर की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट में रिट याचिका भी दायर की गयी है. एपीडीआर ने श्री नारायणन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2014 9:39 AM

कोलकाता: एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोकेट्रिक राइट्स (एपीडीआर) की ओर से राज्यपाल एमके नारायणन को पत्र लिखकर राज्य मानवाधिकार आयोग के लिए नपराजित मुखर्जी को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने का विरोध किया गया है. इस बाबत एपीडीआर की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट में रिट याचिका भी दायर की गयी है.

एपीडीआर ने श्री नारायणन को पत्र फैक्स करके अंतरिम अध्यक्ष बनाये जाने का विरोध किया है. एपीडीआर की सचिव मंडली के सदस्य रंजीत सूर ने कहा कि मानवाधिकार का ज्यादातर हनन पुलिस अधिकारी ही करते हैं. यह विडंबना ही होगी, यदि पूर्व पुलिस अधिकारी को पैनल का नेतृत्व देने की जिम्मेवारी दी जाती है. इसके अलावा बतौर पैनल सदस्य उनकी नियुक्ति का विरोध करते हुए उनकी याचिका भी अदालत में लंबित है. लिहाजा न्याय व्यवस्था के हित में उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए.

क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि जस्टिस (सेवानिवृत्त) एके गांगुली के इस्तीफे के बाद से अध्यक्ष पद खाली हो गया है.

आयोग काम नहीं कर पा रहा, क्योंकि एकमात्र सदस्य होने के कारण श्री मुखर्जी मामले की सुनवाई और उसका निपटारा खुद नहीं कर सकते. आयोग के दो सदस्य जस्टिस (सेवानिवृत्त) एनसी सील और सौरिन रॉय कार्यकाल समाप्त होने पर रिटायर हो चुके हैं. श्री सूर का कहना है कि पुलिस अधिकारी के आयोग के सदस्य होने पर लोगों का भरोसा मानवाधिकार आयोग से हट रहा है. ऐसे में उनकी नियुक्ति ही सवालों के घेरे में है.

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