माकपा समर्थकों के घरों में तोड़फोड़

कोलकाता. चुनाव के बाद भी जिले में राजनीतिक हिंसा जारी है. आमडांगा के तालदेरिया गांव में तृणमूल समर्थित अपराधियों ने माकपा समर्थकों के घर में तोड़फोड़ की है. गौरतलब है कि 12 मई को तृणमूल छोड़ कर माकपा में शामिल हुए अहमद अली को गोली मार दी गयी थी. एक सप्ताह भी बीतने नहीं पाया, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2016 2:07 AM
कोलकाता. चुनाव के बाद भी जिले में राजनीतिक हिंसा जारी है. आमडांगा के तालदेरिया गांव में तृणमूल समर्थित अपराधियों ने माकपा समर्थकों के घर में तोड़फोड़ की है. गौरतलब है कि 12 मई को तृणमूल छोड़ कर माकपा में शामिल हुए अहमद अली को गोली मार दी गयी थी. एक सप्ताह भी बीतने नहीं पाया, फिर उसी गांव में तृणमूल के लोगों ने माकपा समर्थकों के कुछ घरों में तोड़फोड़ की. बताया जाता है कि घटना के शिकार सभी चुनाव के पहले माकपा में शामिल हुए थे.

फिर से तृणमूल में शामिल न होने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी. बताया जाता है कि गांव के 20 घर में तोड़फोड़ की गयी है. आमडांगा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इधर, पुलिस ने तलाशी अभियान चला कर तीन तृणमूल समर्थकों को गिरफ्तार किया है.

अरिंदम को पीटने से स्पष्ट हुए राज्य के हालात
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने शांतिपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार अरिंदम भट्टाचार्य को पीटे जाने की घटना की कड़ी निंदा की है. श्री चौधरी ने कहा कि चुनाव के बाद से ही राज्य में सर्वत्र ही आतंक का माहौल है. यह स्थिति हर जगह देखी जा रही है. शांतिपुर में नौका के डूबने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार अरिंदम भट्टाचार्य पुलिस के पास राहत कार्य में तेजी लाने का अनुरोध करने गये थे, लेकिन उन्हें थाने में ले जाकर, पुलिस के उच्चाधिकारियों के सामने जिस तरह पीटा गया वह राज्य के हालात को स्पष्ट करता है. इसके खिलाफ कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग के पास भी शिकायत की गयी है.
माकपा कार्यकर्ता की हत्या की सीबीआइ जांच हो
राज्य विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के मतदान के दौरान गत 21 अप्रैल को डोमकल के माकपा कार्यकर्ता तहिदुल इस्लाम की मौत की जांच सीबीआइ से कराने की मांग पर उसके बेटे रहिदुल ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. उल्लेखनीय है कि गत 21 अप्रैल को डोमकल विधानसभा क्षेत्र के एक प्राथमिक स्कूल में बूथ के बाहर माकपा कार्यकर्ता तहिदुल को गोली मार दी गयी थी. उसके शरीर पर धारदार हथियारों से वार किये जाने के भी जख्म थे. रहिदुल ने इस मामले में पुलिस व चुनाव आयोग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. 20 मई को न्यायाधीश दीपंकर दत्त की अदालत में मामले की सुनवाई होगी.

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