‘तृणमूल कार्यकर्ताओं” ने थाने में की तोडफोड, चार पुलिसकर्मी जख्मी
बैरकपुर : पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के घंटों बाद उत्तर 24 परगाना जिले में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के 30 समर्थकों के एक समूह ने एक थाने में तोडफोड की और चार पुलिसकर्मियों को जख्मी कर दिया, जिसके बाद 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया. बैरकपुर के पुलिस आयुक्त […]
बैरकपुर : पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के घंटों बाद उत्तर 24 परगाना जिले में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के 30 समर्थकों के एक समूह ने एक थाने में तोडफोड की और चार पुलिसकर्मियों को जख्मी कर दिया, जिसके बाद 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया. बैरकपुर के पुलिस आयुक्त निराग कुमार सिंह ने कहा, ‘समूह ने कल रात न्यू बैरकपुर थाने पर पथराव किया जिस वजह से संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई. पुलिसकर्मियों की मोटरसाइकिलें भी क्षतिग्रस्त हुईं और चार पुलिस अधिकारी हमले में जख्मी हो गए.’
उन्होंने कहा कि तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष सुखेन मजूमदार और स्थानीय पार्षद मनोज सरकार सहित 11 लोगों को उत्तरी उपनगर में हमले के बाबत गिरफ्तार किया गया है. सिंह ने बताया कि 11 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है जिसमें सामान और थाने में खडे वाहनों को क्षतिग्रस्त करने का भी मामला है. प्राथमिकी के मुताबिक, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर रत्नागिरी जिले के चिपलुन में राणे द्वारा आयोजित एक रैली में शामिल नहीं होने के आरोप में पूर्व सांसद और उनके सहयोगियों ने कथित रुप से सावंत को अगवा किया और मुंबई जाने के रास्ते में उन पर हमला भी किया.
शिकायत के अनुसार, सावंत को मुंबई के अंधेरी स्थित एक घर में बंद करके रखा गया था और बाद में उन्हें छोड दिया गया. सावंत ने राणे को बताया था कि पास के गांव में उनकी मां के बीमार होने के कारण उन्हें उनके पास जाना पडा और इसलिए वह रैली में शामिल नहीं हो सके. सावंत की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर ठाणे पुलिस ने राणे और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. घटना के तुरंत बाद सावंत को अस्पताल में भर्ती कराया गया और सुलह के इरादे से राणे उनसे मिलने अस्पताल भी पहुंचे थे. उन्होंने सावंत से उनके खिलाफ दर्ज शिकायत वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन सावंत ने इससे इनकार करते हुए मामला लडने के प्रति अपना संकल्प जताया.