कोलकाता : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कुछ हद तक अपना प्रभाव खो चुकी भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है और इस बार उसने 70 से अधिक सीटों पर विपक्षी वाम मोर्चे और कांग्रेस के गठबंधन का खेल बिगाडने का काम किया है. हालांकि पश्चिम बंगाल में भाजपा को हासिल हुए मतों का प्रतिशत वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के 17.5 प्रतिशत की तुलना में गिरकर इन विधानसभा चुनावों में 10.2 प्रतिशत पर आ गया लेकिन पहली बार पार्टी ने इस राज्य में अपने दम पर चुनाव लडकर तीन सीटें हासिल की हैं. इससे पहले, भाजपा वर्ष 2011 में उपचुनावों में दो बार जीत चुकी है और उसका मत प्रतिशत 4.06 रहा था.
आंकडों और भाजपा के मतप्रतिशत से पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के चेहरों पर मुस्कुराहट आएगी क्योंकि इन्होंने पिछले दो साल में अपने प्रभाव में काफी कमी आती देखी है. इन विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने वर्ष 2011 के 19.5 लाख मतदाताओं की तुलना में कहीं ज्यादा यानी 56 लाख मतदाताओं का वोट हासिल किया. इसके साथ ही साथ इसने 294 विधानसभा क्षेत्रों में से 262 में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इन स्थानों पर भाजपा को 10 हजार से ज्यादा वोट मिले.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया, ‘‘वर्ष 2014 में हमें देशभर में नरेंद्र मोदी की लहर के कारण 17 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। हमारा बंगाल में कोई सांगठनिक आधार नहीं था. इस बार ऐसा कोई आधार नहीं था। हमने जो कुछ भी हासिल किया है, वह हमारी पार्टी की सांगठनिक ताकत की वजह से है. सबसे अच्छी बात सिर्फ तीन सीटें नहीं हैं, सबसे अच्छी बात तो यह है कि हमने अधिकतम सीटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है और सात सीटों पर हम दूसरे स्थान पर रहे हैं.” घोष ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गठबंधन के उम्मीदवार ज्ञान सिंह सोहनपाल को हराकर खडगपुर सदर सीट जीती है. इसके अलावा भाजपा ने मालदा की वैष्णवनगर सीट और मादारीहाट सीट पर गठबंधन के उम्मीदवारों को हराकर जीत हासिल की है.
घोष ने कहा, ‘‘यह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए हमारा आधार बनेगा। उत्तर बंगाल से दक्षिण बंगाल तक हमारे मत प्रतिशत में बढोत्तरी हुई है और हम अपने आधार को विस्तार देंगे।” इस बार भाजपा ने 66 सीटों पर 20 से 30 हजार वोट हासिल किए हैं. 16 सीटों पर इसे मिले वोटों की संख्या 30 से 40 हजार रही है और छह सीटों पर इसे मिले वोटों की संख्या 40 से 50 हजार रही है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमने भले ही ज्यादा सीटें न जीती हों, लेकिन गठबंधन के लिए और कई सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के लिए हमने खेल बिगाड दिया है. बंगाल में भाजपा को अब और अधिक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विधानसभा चुनावों के नतीजों को संतोषजनक बताया है और उम्मीद जताई है कि ये नतीजे बंगाल में पार्टी के लिए एक लॉन्चिंग पैड का काम करेंगे.