तालिका में सबसे पहला नाम ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल का है. कांग्रेस अध्यक्ष के स्थान पर उनके सलाहकार अहमद पटेल के समारोह में शामिल होने की उम्मीद है. मजे की बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस व प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का एलान किया है आैर केंद्रीय नेतृत्व से भी समारोह में नहीं शामिल होने का आवेदन किया है.
जानकारी के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जम्मू व कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला व गोरखा जनमुक्ति मोरचा के प्रमुख विमल गुरुंग का शामिल होना तय है. समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेता व कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं. जानकारों का मानना है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में अपना कद व समन्वय दोनों बढ़ाने का प्रयास करेंगी.