राजनीतिक हिंसा के खिलाफ दिल्ली में विरोध की चेतावनी
कोलकाता. विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद बंगाल में कथित राजनीतिक हिंसा के खिलाफ वाममोरचा नयी दिल्ली में विरोध और प्रचार अभियान चला सकता है. बंगाल में फैली अराजक स्थिति से पूरे देश को अवगत कराना जरूरी है. यह जानकारी राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने दी है. उन्होंने राजनीतिक हिंसा की घटनाओं […]
कोलकाता. विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद बंगाल में कथित राजनीतिक हिंसा के खिलाफ वाममोरचा नयी दिल्ली में विरोध और प्रचार अभियान चला सकता है. बंगाल में फैली अराजक स्थिति से पूरे देश को अवगत कराना जरूरी है. यह जानकारी राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने दी है.
उन्होंने राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है. गुरुवार को वाममोरचा राज्य कमेटी की अहम बैठक हुई थी. बैठक में वाममोरचा में शामिल नहीं रहनेवाले अन्य कई दलों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे. बैठक के बाद सहमति बनी है कि राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के खिलाफ वाममोरचा में शामिल वामपंथी दलों के अलावा कांग्रेस, आरजेडी व कुछ अन्य दल जिला स्तर पर विरोध करेंगे. राज्य के प्रत्येक जिलों में हिंसा का विरोध किया जायेगा.
विधानसभा चुनाव में वाममोरचा और कांग्रेस के बीच हुए तालमेल के बाद भी करारी शिकस्त मिली थी. इसके बाद भी वामपंथी आंदोलन में कांग्रेस के शामिल किया जाना वाममोरचा खेमे के लिए सही फैसला है या गलत, इसके विषय में पूछे जाने पर बसु ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक दलों के बीच समझौता हुआ था. यह समझौता लोगों के बीच हुआ था. कथित तौर पर राज्य के माहौल में चुनाव के बाद भी परिवर्तन नहीं हो पाया है, बल्कि विपक्षी दलों पर हमले बढ़ गये हैं. वामपंथी दलों के अलावा कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी हमले हो रहे हैं.
लोकतंत्र की रक्षा के लिए हिंसा की घटनाओं का विरोध अहम है. भाजपा को छोड़ कर सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर आंदोलनरत होना जरूरी है. वाममोरचा के अभियान में शामिल होने के लिए अन्य वामपंथी दल यानी एसयूसीआइ और भाकपा (माले) सहित कुछ दलों के नेताओं से बातचीत की जा सकती है.