उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजों के बाद से ही पूरे राज्य में हिंसा का माहाैल है, इसलिए नवनिर्वाचित विधायकों को अपने क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए पहल करनी चाहिए. वहीं, तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उन्होंने इस टिप्पणी को अपनी पार्टी के उन कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए किया था, जिन पर सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से हमले किये जा रहा हैं. श्री घोष ने कहा कि भाजपा समर्थकों पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा हर रोज हमले किये जा रहे हैं. किसी की हड्डी तोड़ने की ताकत हम में नहीं है.
इस टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस एवं वामपंथी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना की है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिंसा को छोड़ने एवं अपनी आदतों में सुधार लाने को कहा था और धमकी दी थी कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो इसके परिणाम भुगतने के लिए उस समय तैयार रहें, जब वे पश्चिम बंगाल से बाहर की यात्रा करेंगे. तृणमूल कांग्रेस सोच रही है कि वे जो चाहें, वो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि बंगाल से बाहर केवल भाजपा ही भाजपा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की राजनीति अपनी जगह है और बंगाल की राजनीति अपनी जगह. इन दोनाें को एक साथ समाहित नहीं किया जा सकता.