कोई बम मारे तो उसे चाय-समोसा खिलानेवाला नहीं : दिलीप घोष

कोलकाता : अगर कोई हमें बम मारे तो मैं उसे चाय-समोसा खिलानेवाला नहीं हूं. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सरकार से साथ प्रदेश भाजपा कोई रियायत नहीं बरतेगी. जहां भी जनविरोधी कार्य होगा, वहां भाजपा उसका विरोध करेगी. यह बातें सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने विधानसभा में विधायक पद का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2016 2:14 AM
कोलकाता : अगर कोई हमें बम मारे तो मैं उसे चाय-समोसा खिलानेवाला नहीं हूं. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सरकार से साथ प्रदेश भाजपा कोई रियायत नहीं बरतेगी. जहां भी जनविरोधी कार्य होगा, वहां भाजपा उसका विरोध करेगी. यह बातें सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने विधानसभा में विधायक पद का शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहीं.

उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजों के बाद से ही पूरे राज्य में हिंसा का माहाैल है, इसलिए नवनिर्वाचित विधायकों को अपने क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए पहल करनी चाहिए. वहीं, तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उन्होंने इस टिप्पणी को अपनी पार्टी के उन कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए किया था, जिन पर सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से हमले किये जा रहा हैं. श्री घोष ने कहा कि भाजपा समर्थकों पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा हर रोज हमले किये जा रहे हैं. किसी की हड्डी तोड़ने की ताकत हम में नहीं है.

यह एक टिप्पणी थी, जो कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए की गयी थी. गौरतलब है कि श्री घोष ने अपनी उन टिप्पणियों से विवाद शुरू कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रशिक्षण प्राप्त उनकी पार्टी के कार्यकर्ता खाली हाथों से भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की गर्दन तोड़ सकते हैं.

इस टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस एवं वामपंथी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना की है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिंसा को छोड़ने एवं अपनी आदतों में सुधार लाने को कहा था और धमकी दी थी कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो इसके परिणाम भुगतने के लिए उस समय तैयार रहें, जब वे पश्चिम बंगाल से बाहर की यात्रा करेंगे. तृणमूल कांग्रेस सोच रही है कि वे जो चाहें, वो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि बंगाल से बाहर केवल भाजपा ही भाजपा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की राजनीति अपनी जगह है और बंगाल की राजनीति अपनी जगह. इन दोनाें को एक साथ समाहित नहीं किया जा सकता.

Next Article

Exit mobile version