विधानसभा चुनाव. आपसी गुटबाजी से ममता नाराज

कोलकाता: विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट पेश करने को कहा था, जिसके आधार पर अध्यक्षों ने अपने जिले के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश की है. किन-किन कारणाें से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, इसे लेकर रिपोर्ट जमा की गयी है. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2016 7:52 AM
कोलकाता: विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट पेश करने को कहा था, जिसके आधार पर अध्यक्षों ने अपने जिले के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश की है. किन-किन कारणाें से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, इसे लेकर रिपोर्ट जमा की गयी है. इस रिपोर्ट में कई जिलों में आपसी गुटबाजी की खबर भी सामने आयी है. गौरतलब है कि चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आवास पर बैठक की थी. इस बैठक में दार्जिलिंग व मालदा जिले में तृणमूल कांग्रेस को मिली हार से वह काफी नाराज थीं. इन दाेनों जिलों में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है.
आठ सदस्यीय कमेटी गठित
इसके बाद हार के कारणाें की जांच के लिए आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुब्रत बक्सी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय के साथ-साथ सांसद अभिषेक बनर्जी, पार्थ चटर्जी, शोभन देव चटर्जी, फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास व सुदीप बंद्योपाध्याय हैं. अब 18 जून को महानगर के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस का सम्मेलन आयोजित होगा.
िरपोर्ट की जांच करेगी कमेटी
मुख्यमंत्री ने दार्जिलिंग व मालदा के साथ-साथ विभिन्न जिलों में जिन 82 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस पराजय हुई है, उस संबंध में जिला अध्यक्षों को 18 दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने काे कहा था. मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर कई जिलों ने रिपोर्ट पेश भी की है. इन रिपोर्टों की आठ सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी जांच करेगी और इस रिपोर्ट के आधार पर कई जिलों में जिला नेताओं को भी बदला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने मालदा जिले की कोर कमेटी को भंग कर दिया है और इन दोनाें जिलों का दायित्व स्वयं ले लिया है. उन्होंने कहा कि मालदा जिले में शून्य से शुरुआत करनी होगी. मालदा जिला में नयी कमेटी का गठन किया जायेगा, जबकि कूचबिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस की कमान उदयन गुहा को सौंपने पर विचार किया जा रहा है. वहीं, बांकुड़ा जिले में अरूप खार के स्थान पर श्यामापद मुखर्जी व बर्दवान जिले में स्वपन देवनाथ को जिला अध्यक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि इस बैठक में हुई चर्चा के संबंध में पार्टी नेताओं ने कुछ नहीं कहा. इस संबंध में पार्टी के प्रदेश महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि समय आने पर वह सब बतायेंगे.
चुनाव प्रक्रिया में बदलाव चाहती हैं ममता
राज्य में दोबारा सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने जो फैसले लिये थे आैर जो कदम आयोग की तरफ से उठाये गये थे, वे उन्हें मंजूर नहीं हैं. चुनाव आयोग के उन फैसलों के खिलाफ वह काफी मुखर नजर आ रही हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश में चुनाव के क्षेत्र में वह बड़े पैमाने पर बदलाव चाहती हैं. चुनाव आयोग के फैसलों के खिलाफ तृणमूल के सांसद लोकसभा व राज्यसभा में अपनी आवाज बुलंद करेंगे. तृणमूल सुप्रीमो चाहती हैं कि चुनावी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया जाये. चुनाव के लिए देश में एक हजार करोड़ का एक फंड तैयार किया जाये. आयोग द्वारा चुनाव के लिए राज्यों से कर्मचारी लिये जाने का फैसला भी उन्हें मंजूर नहीं है. मुख्यमंत्री का मानना है कि चुनाव तो साल भर होते रहते हैं. ऐसे में राज्यों से चुनाव के लिए कर्मचारियों को लिए जाने से कामकाज बुरी तरह प्रभावित होता है. इसके अलावा चुनाव की पूरी तैयारी का खर्च भी राज्य सरकारों को ही वहन करना पड़ता है, जो सही नहीं है. तृणमूल कांग्रेस चुनावी प्रक्रिया पर विस्तार से परिचर्चा चाहती हैं.

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