आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरंग में होगा वॉक-वे
अगस्त 2019 तक पूरी होगी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने के लिए जर्मनी से दो मशीनें मंगायी गयी हैं कोलकाता. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना इसलिए भी खास है, क्योंकि हावड़ा स्टेशन के बाद यह लाइन हुगली नदी के नीचे से गुजरते हुए महाकरण स्टेशन पहुंचेगी. हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने के […]
अगस्त 2019 तक पूरी होगी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना
हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने के लिए जर्मनी से दो मशीनें मंगायी गयी हैं
कोलकाता. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना इसलिए भी खास है, क्योंकि हावड़ा स्टेशन के बाद यह लाइन हुगली नदी के नीचे से गुजरते हुए महाकरण स्टेशन पहुंचेगी. हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने के लिए जर्मनी से दो मशीनें मंगायी गयी हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण मशीन अर्थ प्रेशर बैलेंस टनल बोरिंग मशीन (ईपीबीटीबीएम) है. उक्त जानकारी केएमआरसीएल के जीएम नरेश कुमार ने दी.
केएमआरसीएल भवन में शनिवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना की कार्य प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि फरवरी में हावड़ा मैदान मेट्रो स्टेशन के टनल में अर्थ प्रेशर बैलेंस टनल बोरिंग मशीन लगायी गयी थी. इस मशीन का काम खुदाई करना और खाली हुई जगह पर पहले से बनी हुई सीमेंट की मजबूत दीवार को सेट करना है. यह मशीन 24 घंटे में 19 मीटर मिट्टी काट कर दीवार तैयार करेगी.
श्री कुमार ने कहा कि नदी के नीचे बननेवाली सुरंग पूरी तरह से सुरक्षित होगी. इसमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए वॉक-वे बनाया जा रहा है. इतना ही नहीं इसमें चलनेवाली 14 मेट्रो रैक को काफी आधुनिक साज-सज्जा से तैयार किया जा रहा है. सभी बोगियों में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे. श्री नरेश कुमार ने कहा कि सियालदह से सॉल्टलेक सेक्टर-5 तक का कार्य तय समय जून 2018 में ही पूरा हो जायेगा. 10.08 किलोमीटर लंबी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना में 8.90 किलोमीटर जमीन के भीतर जबकि 5.77 किलोमीटर रेललाइन एलिवेटर पर टिकी होगी.
इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे, जिसमें हावड़ा मैदान, हावड़ा, न्यू महाकरण, एस्प्लानेड, सियालदह, फूलबागान स्टेशन जमीन के नीचे होंगे, जबकि सॉल्टलेक स्टेशन, बंगाल केमिकल, सिटी सेंटर, सेंट्रल पार्क, करुणामयी, सॉल्टलेक सेक्टर पांच मेट्रो स्टेशन एलिवेटर पर होंगे.