स्कूलों में बच्चों को डांटने पर भी लगी पाबंदी

कोलकाता: अब प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को डांटा भी नहीं जा सकेगा. दक्षिण 24 परगना के बासंती में शिक्षिका की पिटाई से छात्र की मौत के बाद हरकत में आये प्राथमिक शिक्षा पर्षद ने स्कूलों में बच्चों से बर्ताव के संबंध में नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं. पर्षद के अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य ने सोमवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:39 PM

कोलकाता: अब प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को डांटा भी नहीं जा सकेगा. दक्षिण 24 परगना के बासंती में शिक्षिका की पिटाई से छात्र की मौत के बाद हरकत में आये प्राथमिक शिक्षा पर्षद ने स्कूलों में बच्चों से बर्ताव के संबंध में नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं.

पर्षद के अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य ने सोमवार को कहा कि नये दिशा निर्देश सभी प्राथमिक स्कूलों को भेज दिये गये हैं. अब विद्यार्थियों को मारा पीटा नहीं जा सकता. स्कूलों में बच्चों को डांटने पर भी रोक लगा दी गयी है. इसके अलावा किसी भी विद्यार्थी को अन्य बच्चों से अलग चिह्नित नहीं किया जा सकता, ताकि उसकी भावना को ठेस न पहुंचे. भट्टाचार्य ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी को शारीरिक या मानसिक आघात नहीं पहुंचाया जा सकता. यह सब शारीरिक दंड (कारपोरल पनिशमेंट) की श्रेणी में आयेगा.

आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया
पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार गांगुली ने शिक्षिका की पिटाई से छात्र की मौत का स्वत: संज्ञान लिया है. गांगुली ने दक्षिणी 24 परगना जिले के पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी को तीन हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा.

गौरतलब है कि राज्य में 70 हजार प्राथमिक स्कूल हैं. यहां 1.80 लाख शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं. सोमवार को पर्षद की हुई बैठक में पर्षद अधिकारियों के अलावा मनोवैज्ञानिक भी मौजूद थे.

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