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एथोड़ा गांव में सौ मकानों की छत उड़ी, लाखों का हुआ नुकसान
प्रकृति का तांडव. मानसून पूर्व आयी आंधी, बारिश से भारी क्षति मानसून आने के पूर्व आयी आंधी व बारिश के कारण एथोड़ा ग्रंव में भारी क्षति हुयी. सौ से अधिक मकानों की छतें उड़ गयी. लाखों की क्षति हुई. लेकिन पूरे मामले में प्रशासन का उदासीन रवैया सामने आया है. प्रभारी बीडीओ ने इसकी जानकारी […]
प्रकृति का तांडव. मानसून पूर्व आयी आंधी, बारिश से भारी क्षति
मानसून आने के पूर्व आयी आंधी व बारिश के कारण एथोड़ा ग्रंव में भारी क्षति हुयी. सौ से अधिक मकानों की छतें उड़ गयी. लाखों की क्षति हुई. लेकिन पूरे मामले में प्रशासन का उदासीन रवैया सामने आया है. प्रभारी बीडीओ ने इसकी जानकारी तक होने से इंकार कर दिया. सरकारी राहत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
रुपनारायणपुर. सालानपुर प्रखंड के एथोड़ा ग्राम पंचायत अंतर्गत एथोड़ा गांव मे शुक्रवार की देर शाम आयी भीषण आंधी व बारिश से सौ से अधिक कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये. दर्जनों पेड़ और बिजली के दस खंभे सड़कों पर गिर गये. बिजली और यातायात सेवा पूर्ण रुप से बंद हो गयी. ज्वाइंट बीडीओ सह प्रभारी बीडीओ रत्नदीप पाल ने कहा कि इस प्रकार की किसी घटना की सूचना उनके पास नहीं है. स्थानीय ग्रामीणों ने युद्धस्तर पर कार्य कर अपने स्तर से सड़क पर पड़े बड़े बड़े बृक्षों को काट कर सड़क से हटाया. बिजली विभाग के कर्मियों ने भी युद्ध स्तर पर कार्य कर शनिवार की शाम तक गांव के कुछ हिस्से में बिजली सप्लाइ बहाल कर दी. ग्रामीणो ं का आरोप है कि प्रशासनिक स्तर से उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिली.
एथोड़ा ग्राम पंचायत के उपप्रधान सह प्रभारी प्रधान शिखा धीवर के पति गोविंद धीवर ने कहा कि शुक्रवार की शाम हल्की बूंदा बांदी के साथ आयी बारिश शुरू हुयी. लेकिन कुछ ही समय बाद इसने तूफान का रूप ले लिया. सौ किलोमीटर प्रति घंटे की अधिक रफ्तार से आंधी चलने लगी. बारिश भी तेज हो गयी. सड़क किनारे अधिकांश बड़े वृक्ष और बिजली के पोल इस तूफान में ध्वस्त हो गये. गांव अंधेरे में डूब गया. करीब दो घंटे तक इसका प्रभाव रहा. उन्होंने कहा कि परिवेश जब सामान्य हुआ और बारिश खत्म हुयी तो गांव में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था. गांव के बिलाकुली पाड़ा, मंडल पाड़ा, सुड़ी पाड़ा, धर्मराज मंदिर पाड़ा, धर्मा पाड़ा, पुइतंडी पाड़ा, कोटसाल, मधाईचक आदि इलाकों में सौ से अधिक मकानों की छत की टाली, कॉरकेट शीट, अल्यूमीनियम शीट, बिचाली आदि उड़ गये थे. बिजली विभाग को सूचना देने पर रात को बिजली कर्मचारी आये.
लेकिन सड़क पर बड़ी संख्या में पेड़ गिरे होने के कारण उनकी गाड़ी अंदर नहीं आयी. अधिकारी जायजा लेकर सुबह आने की बात कह कर चले गये. उन्होंने कहा कि रातभर स्थानीय ग्रामीणों ने मिल कर सड़क पर पड़े पेड़ो को काट कर हटाया. शनिवार की सुबह बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मी आये और शाम तक कार्य कर कुछ हिस्से में बिजली सप्लाइ बहाल की. नुकसान का आकलन किया जा रहा है. सोमवार को राहत के लिये अधिकारियों से बात की जायेगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. ग्रामीणों ने बताया कि कालबैशाखी की तर्ज पर आयी आंधी से उनके घर उजड़ गये. उनके सर के उपर से छत उड़ गयी. उन्हें लाखों का नुकसान हुआ. लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने उनकी सुध लेने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि मानसून कभी भी आ सकता है. इस हालत में उनके घर की मरम्मत जरूरी है. प्रभारी बीडीओ श्री पाल ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जायेगी.
आंधी से ओंदा के कई गांव प्रभावित
बांकुड़ा. शुक्रवार की शाम को तेज आंधी एवं लाइटनिंग के चलते, ओंदा ब्लॉक के सालतोड़ ग्राम पंचायत इलाके में भारी क्षति हुई. सालतोड़, सनातपाल एवं नूतन ग्राम इलाके में तेज आंधी के कारण घरों के छज्जे उड़ गये एवं फसलों को भी नुकसान पहुंचा. इसके अलावा बांकुड़ा शहर एवं जिले के अन्य कुछ हिस्सों में लाइटनिंग के चलते लोगों के घरेलू वस्तुओं को नुकसान पहुंचा. किसी की टीवी, किसी का कंप्यूटर, फैन, फ्रीज इत्यादि खराब हो गये.
इस बारे में सनातपाल इलाके के वासिंदा भीम मल्ल एवं रंजीत पाल का कहना है कि तेज आंधी के आने से घरों के छज्जे उड़ गये. कुछ घरों को नुकसान पहुंचा. साथ ही साथ आम की फसलों को भी नुकसान पहुंचा. इस बारे मे ओंदा थाना पुलिस का कहना है कि तेज आंधी के चलते घरों के टूटने की खबर है किंतु लाइटनिंग से किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. वहीं ओंदा पंचायत समिति के सभापति श्यामल मुखर्जी का कहना है कि सानतोड़ जीपी इलाके में नुकसान की खबर है.
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