तमिलनाडु को छोड़ बाकी सभी राज्य GST के समर्थन में : जेटली

कोलकाता ब्यूरो कोलकाता : वस्तु व सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स या जीएसटी) पर केंद्र की मोदी सरकार को बहुत बड़ी राहत मिली है. वर्षों से अधर में लटके हुए इस विधेयक के पास होने की संभावनाएं जाग गयी हैं. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो संसद के मानसून अधिवेशन में ही जीएसटी विधेयक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 5:39 PM

कोलकाता ब्यूरो

कोलकाता : वस्तु व सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स या जीएसटी) पर केंद्र की मोदी सरकार को बहुत बड़ी राहत मिली है. वर्षों से अधर में लटके हुए इस विधेयक के पास होने की संभावनाएं जाग गयी हैं. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो संसद के मानसून अधिवेशन में ही जीएसटी विधेयक पारित हो जायेगा. क्योंकि देश केअधिकतरराज्य जीएसटी का समर्थन कर रहे हैं. ऐसी ही घोषणा मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की.

मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोलकाता में देश के 22 राज्यों के वित्त मंत्रियों व शेष सात के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में पूरे देश में एकल कर व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से लाया जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स या जीएसटी) पर चर्चा की गयी. बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी को लागू करने के उद्देश्य से आयोजित आज की बैठक काफी सकारात्मक रही. वित्त मंत्रालय ने जीएसटी का ड्राफ्ट जारी किया है. राज्यों ने जीएसटी मॉडल के ड्राफ्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
तमिलनाडु को छोड़ कर बाकी सभी राज्यों ने जीएसटी का समर्थन करने की बात कही है. तमिलनाडु ने भी इस संबंध में कुछ सुझाव दिये हैं, जिस पर केंद्र सरकार विचार करेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री ने तीन साल में एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स की मांग पर भी लचीला रुख अपनाने के संकेत दिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली कहा कि दोहरे नियंत्रण व राजस्व निरपेक्ष दर के मुद्दे पर फैसला अधिकार संपन्न समिति करेगी.
जीएसटी दर पर संवैधानिक सीमा नहीं लगाने को लेकर पूरी तरह सहमति है, क्योंकि भविष्य में दरों में संशोधन की जरूरत पड़ सकती है. इस बिल में कई सुधार के लिए भी राज्यों ने अपने तर्क दिये हैं, जिस पर सरकार विचार कर रही है. दो दिनों तक जीएसटी पर मंथन चलेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अब तक सभी राज्यों ने जीएसटी के बारे में विस्तृत रूप से अपने विचार रखे हैं. तकरीबन हर राज्य ने जीएसटी का समर्थन किया है. जीएसटी पर राज्यों की तरफ से आ रहे सुझावों पर श्री जेटली ने कहा कि पहले तीन साल में एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स का सवाल है, इस मुद्दे पर सरकार लचीला रुख अपनाने को तैयार है.
गौरतलब है कि जीएसटी पास कराने के लिए केंद्र सरकार काफी वर्षों से कोशिश कर रही है, लेकिन किसी न किसी कारण से बिल अटक जाता है. केंद्र सरकार इस बिल को लाने से पहले इसके विरोधों को खत्म करना चाहती है. राज्य और केंद्र के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद है. सरकार इस बैठक के जरिये पहले उन विरोधों को खत्म करना चाहती है. कई राज्य जीएसटी के पक्ष में है तो कई राज्य इस बिल के बाद अपने राज्यों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है. वहीं, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री और जीएसटी एम्पावर्ड कमिटी के चेयरमैन अमित मित्रा ने कहा कि जीएसटी को लेकर जुलाई के दूसरे हफ्ते में फिर से बैठक की जाएगी.

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