कोलकाता पुलिस के अधिकारियों का राज्य पुलिस में तबादला शुरू, सरकारी रुख से सहमे पुलिसवाले

कोलकाता. कोलकाता पुलिस के दो नॉन आइपीएस अधिकारियों का तबादला सोमवार को राज्य पुलिस में कर दिया गया. इन अधिकारियों के नाम देवश्री चटर्जी व विकास चंद्र भंडारी हैं. इनमें से देवश्री चटर्जी कोलकाता पुलिस में डीसी (महिला पुलिस) के पद पर कार्यरत थीं, जबकि विकास चंद्र भंडारी स्पेशल ब्रांच के असिस्टेंट कमिश्नर के पद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2016 2:03 AM
कोलकाता. कोलकाता पुलिस के दो नॉन आइपीएस अधिकारियों का तबादला सोमवार को राज्य पुलिस में कर दिया गया. इन अधिकारियों के नाम देवश्री चटर्जी व विकास चंद्र भंडारी हैं. इनमें से देवश्री चटर्जी कोलकाता पुलिस में डीसी (महिला पुलिस) के पद पर कार्यरत थीं, जबकि विकास चंद्र भंडारी स्पेशल ब्रांच के असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे. राज्य सरकार की तरफ से सोमवार को जारी तबादले की सूची के मुताबिक देवश्री चटर्जी को उत्तर दिनाजपुर जिले में चौथे बटालियन का कमांडेंट बनाया गया है, जबकि विकास चंद्र भंडारी को मुर्शिदाबाद जिले का डिप्टी एसपी (एफबीपी) बनाया गया है.

दोनों को जल्द से जल्द नयी जगहों पर ड्यूटी ज्वायन करने को कहा गया है. जानकारों की माने तो देवश्री चटर्जी नॉन आइपीएस अधिकारी हैं, उन्हें जिस पद पर भेजा गया है, वहां नॉन आइपीएस अधिकारी की पोस्टिंग नहीं की जा सकती, लेकिन कोलकाता पुलिस के नॉन आइपीएस अधिकारी को एक आइपीएस अधिकारी के पद पर भेजा है.

कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चुनाव में सख्ती से ड्यूटी करने को लेकर ही इस तरह का तबादला राज्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इसके पहले भी पंचायत चुनाव के बाद ऐसा देखा गया था. पंचायत चुनाव के दौरान कोलकाता पुलिस के 16 पुलिस कर्मचारियों ने खराब इंतजाम को लेकर विद्रोह किया था. उसके बाद कोलकाता पुलिस के विभिन्न विभाग से कुछ पुलिसकर्मियों का राज्य पुलिस में तबादला किया गया था.

इस बार भी चुनाव में कुछ अधिकारियों ने काफी सख्ती से ड्यूटी की थी, जिसके कारण इलाके के कई राजनेता कुछ पुलिसवालों से नाराज थे. सत्ता में आने के बाद सरकार की तरफ से उन पुलिसवालों के तबादलों का सिलसिला शुरू हो गया. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता पुलिस के कर्मचारियों का राज्य पुलिस में तबादले का जो सिलसिला शुरू किया गया है, इससे थाना स्तर में काम करनेवाले थाना प्रभारियों से लेकर सब इंस्पेक्टर व उनके परिवार में चिंता का विषय बना हुआ है.

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