नाराज बंगाल कांग्रेस ने माकपा के फैसले को ऐतिहासिक भूल बताया

कोलकाता. माकपा के केंद्रीय नेतृत्व के ‘कांग्रेस के साथ गंठबंधन करने के फैसले में सुधार करने को कहने’ से नाराज कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अगर माकपा गंठबंधन से बाहर निकलती है तो वह पश्चिम बंगाल में बुरी तरह प्रभावित होगी और साथ ही यह भी याद दिलाया कि गंठबंधन के प्रस्ताव के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2016 2:05 AM
कोलकाता. माकपा के केंद्रीय नेतृत्व के ‘कांग्रेस के साथ गंठबंधन करने के फैसले में सुधार करने को कहने’ से नाराज कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अगर माकपा गंठबंधन से बाहर निकलती है तो वह पश्चिम बंगाल में बुरी तरह प्रभावित होगी और साथ ही यह भी याद दिलाया कि गंठबंधन के प्रस्ताव के साथ उसके पास पहले माकपा ही आयी थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा : यद्यपि यह उनकी पार्टी का अंदरुनी मामला है लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि गंठबंधन के प्रस्ताव के साथ पहले माकपा उसके पास आयी थी. 2.15 करोड़ लोगों ने इस गंठबंधन को धन्यवाद दिया है. हो सकता है हम हार गये हों, लेकिन हमने कड़ा मुकाबला पेश किया और लोग इस दमन के खिलाफ लड़ाई के लिए हमारी तरफ देख रहे हैं. अगर माकपा गंठबंधन से निकलना चाहती है तो यह उसका फैसला है.’

गंठबंधन को शक्ल देने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं कि कांग्रेस के साथ गंठबंधन में सुधार संबंधी यह फैसला माकपा नेताओं के एक हिस्से के अंध कांग्रेस विरोध के रुख से प्रेरित है. मैं कहना चाहूंगा कि अगर वे जनता के गंठबंधन से बाहर निकलते हैं और जनता की उम्मीदों के साथ विश्वासघात करते हैं तो यह माकपा की तरफ से ऐतिहासिक भूल होगी.’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा: मैं इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मैं माकपा के केंद्रीय नेतृत्व या सीताराम येचुरी के साथ गंठबंधन करने नहीं गया. देखते हैं कि माकपा के प्रदेश नेताओं का इस संबंध में क्या कहना है. अगर वे गंठबंधन में नहीं बने रहना चाहते हैं तो हम क्या कह सकते हैं. हम अकेले लड़ेगे.’ माकपा की केंद्रीय समिति ने तीन दिनों तक चली बैठक के बाद कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ गंठबंधन करने की चुनावी रणनीति केंद्रीय समिति के फैसले के अनुरुप नहीं थी और इसे सुधारा जाना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version