विश्व को बतायी योग की शक्ति

कोलकाता: ऋषि-मुनियों की संस्कृतिवाले हमारे देश में हजारों वर्षों से योग की परंपरा चली आ रही है, लेकिन विश्व को इसकी शक्ति का अहसास कराने में पांच हजार वर्ष लग गये. उक्त बातें केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कही हैं. मंगलवार को क्रीड़ा भारती द्वारा रानी रासमणि रोड पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2016 10:17 AM
कोलकाता: ऋषि-मुनियों की संस्कृतिवाले हमारे देश में हजारों वर्षों से योग की परंपरा चली आ रही है, लेकिन विश्व को इसकी शक्ति का अहसास कराने में पांच हजार वर्ष लग गये.
उक्त बातें केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कही हैं. मंगलवार को क्रीड़ा भारती द्वारा रानी रासमणि रोड पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आज भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. भारत ने विश्व के लोगों को ‘सामंजस्य एवं शांति के लिए योग’ के नारे से अपने संस्कृति दर्शन के करीब लाया. आज ऐसा प्रतीत हो रहा है है कि भारत का राजपथ योगपथ बन गया हो. बाबा रामदेव दिल्ली के राजपथ पर एक लाख लोगों को योग कराया. चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने 35 हजार देशवासियों के साथ योग किया. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व को योग की शक्ति का अहसास करा दिया है. श्री सिंह ने कहा कि आज विश्व के 170 देशों में भारतीय मिशनों के माध्यम से एक ही समय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
क्रीड़ा भारती द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में प्रधान अतिथि राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि आनंदमय जीवन के लिए योग आवश्यक है. योग अपने आप में सिद्ध है और इससे अपनाने के बाद व्यक्ति रोग मुक्त रखता है. योग का अर्थ ही होता है जोड़ना. जात-धर्म से परे योग आज एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के साथ विश्व को जोड़ने का काम कर रहा है. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किये जाने की पूरी प्रक्रिया योग की आंतरिक शक्ति का प्रमाण है.
कार्यक्रम में महानगर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने हिस्सा लिया और योग किया. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष, गौतम चटर्जी, मेजर जनरल (रिटायर्ड) एसएन मुखर्जी, अर्जुन पुरस्कार विजेता विश्वानाथ पालित, क्रिड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष तपन मोहन चक्रवर्ती आदि मौजूद रहे.

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