चिटफंड कंपनियों पर हाइकोर्ट ने कसा शिकंजा, कहा संपत्ति नहीं बेच सकते कंपनी व निदेशक
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य की चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए कंपनी एवं उसके निदेशकों की संपत्ति बिक्री पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने युगांतर, पैलान, एरिडेक्स, एमको, गोल्ड माइन, डॉल्फिन, पैलान ग्रुप कंपनी के संबंध में यह निर्देश जारी किया है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर […]
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य की चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए कंपनी एवं उसके निदेशकों की संपत्ति बिक्री पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने युगांतर, पैलान, एरिडेक्स, एमको, गोल्ड माइन, डॉल्फिन, पैलान ग्रुप कंपनी के संबंध में यह निर्देश जारी किया है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर ने कहा : जब तक हाइकोर्ट का आदेश नहीं आ जाता, तब तक उक्त चिटफंड कंपनियों की संपत्ति बेची नहीं जा सकती है. कंपनियों के निदेशक भी अपनी संपत्ति नहीं बेच पायेंगे.
याचिकाकर्ता पक्ष के वकील अरिंदम दास ने बताया कि एक वर्ष पहले इन चिटफंड कंपनियों में निवेश करनेवाले करीब 100 लोगों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाइकाेर्ट ने सभी कंपनियों को अपनी संपत्ति का विस्तृत ब्योरा पेश करने को कहा था. फिलहाल हाइकोर्ट ने एमपीएस कंपनी की संपत्ति चिंहित करने के लिए कमेटी बनायी है. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद हाइकोर्ट इन कंपनियों पर विचार करेगा. तब तक इन कंपनियों व इनके निदेशकों की संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी है. अगले आदेश तक संपत्ति नहीं बेच पायेंगे.