राज्य सरकार की शर्त पर ही इंफोसिस को अनुमति
कोलकाता: राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी मामलों के मंत्री ब्रात्य बसु ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार की नीति को मान कर ही आइटी कंपनियों को राज्य में निवेश व विस्तार करना पड़ेगा. विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नोत्तर काल में सवाल के जवाब में श्री बसु ने कहा कि किसी आइटी कंपनी के लिए […]
कोलकाता: राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी मामलों के मंत्री ब्रात्य बसु ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार की नीति को मान कर ही आइटी कंपनियों को राज्य में निवेश व विस्तार करना पड़ेगा. विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नोत्तर काल में सवाल के जवाब में श्री बसु ने कहा कि किसी आइटी कंपनी के लिए सरकार अपनी नीति नहीं बदल सकती है.
राज्य सरकार की नीति मान कर ही आइटी कंपनियों को निवेश करना होगा. उल्लेखनीय है कि इंफोसिस व विप्रो आइटी में सेज की अनुमति की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि 31 मई 2016 तक राज्य में 18 आइटी हब की योजना है. इनमें 11 आइटी हब ने काम शुरू कर दिया है तथा सात में निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोई सरकारी आइटी कंपनी नहीं है, लेकिन निजी 40 आइटी कंपनियां हैं. उन्होंने कहा कि आइटी क्षेत्र में 17000 लोगों को रोजगार मिला है.
उन्होंने कहा कि किसी विशेष कंपनी के साथ राज्य सरकार का मतभेद नहीं है. सभी के लिए समान नीति है. उन्होंने कहा कि 2013-14 के दौरान आइटी क्षेत्र में 1265 करोड़ रुपये, 2014-15 में 739.80 करोड़ व 2015-16 में 2019.75 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
श्री बसु ने आज कहा कि कुछ आइटी कंपनियों से मिले सेज प्रस्ताव इस संबंध में राज्य सरकार की समग्र नीति के अनुरुप नहीं हैं. श्री बसु ने कहा कि राज्य की आइटी नीति किसी एक कंपनी विशेष नहीं, बल्कि सभी कंपनियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है. कांग्रेस विधायक असित मित्रा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार सेज का दर्जा देना नहीं चाहती, इसलिए प्रमुख आइटी कंपनी इंफोसिस ने निवेश रोक रखा है.
इस पर श्री बसु ने कहा कि सरकार ने उन सभी कंपनियों के लिए विकल्प खुला रखा है, जो राज्य में आना चाहती हैं. इंफोसिस को राज्य सरकार से राजरहाट में 50 एकड़ जमीन मिली थी और वह अपनी प्रस्तावित इकाई को सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) का दर्जा दिये जाने की मांग कर रही है.