इंसान व हाथी में टकराव के मामले खतरनाक स्तर पर

वन विभाग अलर्ट कोलकाता. वर्ष 2015-16 में जंगली हाथियों के शिकार 108 लोगों की मौत देख चुके पश्चिम बंगाल में इंसान और हाथी के बीच के संघर्ष के ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गये हैं. पश्चिम बंगाल वन विभाग ने इससे निबटने के लिए एक दो स्तरीय तरीका अख्तियार किया है. वनों के प्रधान मुख्य संरक्षक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2016 1:03 AM
वन विभाग अलर्ट
कोलकाता. वर्ष 2015-16 में जंगली हाथियों के शिकार 108 लोगों की मौत देख चुके पश्चिम बंगाल में इंसान और हाथी के बीच के संघर्ष के ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गये हैं. पश्चिम बंगाल वन विभाग ने इससे निबटने के लिए एक दो स्तरीय तरीका अख्तियार किया है.
वनों के प्रधान मुख्य संरक्षक प्रदीप व्यास ने कहा कि वर्ष 2015-16 में राज्य में जंगली हाथियों ने 108 लोगों को मार डाला और 95 लोगों को घायल कर दिया था. इन 108 लोगों में से 71 को दक्षिण बंगाल में मारा गया था. इन घटनाओं में कुल 14 हाथी भी मारे गये हैं. हम बंगाल में एक खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग ने राज्य में इंसान और हाथी के इस संघर्ष से निबटने के लिए एक दो स्तरीय ‘‘संपूर्ण तरीका” अपनाया है.
श्री व्यास ने कहा कि इस मुद्दे से निबटने के लिए हमारे पास दो तरीके हैं – अल्पकालिक और दीर्घकालिक. अल्पकालिक में हम रोजाना राज्य में हाथियों की आवाजाही पर निगाह रख रहे हैं. किसी भी इंसान या वन्यजीव को लगनेवाली चोट पर प्रतिदिन निगरानी रखी जायेगी. और दूसरा, हमने हाथी आवाजाही समन्वय समिति बनायी है, जो पहले नहीं थी. इसकी अध्यक्षता दो प्रमुख संरक्षक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह , नियमित रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिण में हाथियों की आवाजाही पर निगाह रखती है और यह सुनिश्चित करती है कि इनके आने-जाने में बेवजह की कोई बाधा न आये.

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