आत्महत्या करने को विवश होंगे किसान : जूट आयुक्त
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में इस बार जूट की जोरदार फसल की उम्मीद में जूट आयुक्त कार्यालय केंद्र को जूट पैकेजिंग मानदंड में ढील नहीं देने की सिफारिश की तैयारी में है. आशंका है कि यदि जूट की मांग अच्छी नहीं रही तो जूट-किसान आत्महत्या के लिए विवश हो सकते हैं. कपड़ा मंत्रालय की स्थायी परामर्श […]
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में इस बार जूट की जोरदार फसल की उम्मीद में जूट आयुक्त कार्यालय केंद्र को जूट पैकेजिंग मानदंड में ढील नहीं देने की सिफारिश की तैयारी में है. आशंका है कि यदि जूट की मांग अच्छी नहीं रही तो जूट-किसान आत्महत्या के लिए विवश हो सकते हैं. कपड़ा मंत्रालय की स्थायी परामर्श समिति की 2016-17 के मौसम के लिए पटसन की बोरियों की खरीद योजना पर चर्चा करने के लिए 15 जुलाई को बैठक होनेवाली है.
जूट आयुक्त कार्यालय ने भविष्यवाणी की है कि चालू मौसम के दौरान जूट का उत्पादन 90 लाख गांठ से अधिक होगा. कार्यालय के अधिकारियों का मानना है कि खाद्यान्न की पैकेजिंग में जूट के 90 प्रतिशत अनिवार्य उपयेाग में किसी तरह की फेरबदल से जूट की बोरियों की मांग घटेगी, मिलों को उत्पादन कम करने पर मजबूर होना पड़ा, बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ेगी, जिससे कानून-व्यवस्था के लिए समस्या होगी. यदि केंद्र रवि फसल की पैकेजिंग के आदेश में फेरबदल करती है तो कच्चे जूट की कीमत घटेगी और जूट किसान आत्महत्या भी कर सकते हैं.