दिल्ली लक्ष्य नहीं, बंगाल की सेवा करूंगी : ममता बनर्जी

कोलकाता: प्रधानमंत्री बनने की कोई चाहत या इच्छा नहीं है. बंगाल की माटी में जन्म हुआ है और यहां के लोगों की सेवा करना ही लक्ष्य है. यह कहना है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का. वह गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस के मौके पर धर्मतल्ला में आयोजित सभा को संबोधित कर रही थीं. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2016 8:34 AM

कोलकाता: प्रधानमंत्री बनने की कोई चाहत या इच्छा नहीं है. बंगाल की माटी में जन्म हुआ है और यहां के लोगों की सेवा करना ही लक्ष्य है. यह कहना है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का. वह गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस के मौके पर धर्मतल्ला में आयोजित सभा को संबोधित कर रही थीं.

हालांकि उनके भाषण से पहले पार्टी के कई नेताआें ने कहा कि वर्ष 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ेंगी. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय ने कहा कि वर्ष 2019 में केंद्र में जिस भी पार्टी की सरकार होगी, लेकिन उस सरकार पर नियंत्रण तृणमूल कांग्रेस का होगा, क्योंकि सरकार बनाने में तृणमूल कांग्रेस की अहम भूमिका होगी.

वहीं, राज्य के मंत्री शुभेंदू अधिकारी ने कहा: भाजपा के एक नेता ने धर्मतल्ला में आकर कहा था ‘भाग ममता भाग’, लेकिन वर्ष 2019 में जब लोकसभा का चुनाव होगा तो तृणमूल कांग्रेस की नेत्री ममता बनर्जी दिल्ली में कहेंगी ‘भाग मोदी भाग’. वहीं, राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया कि ममता अब केंद्रीय स्तर के नेतृत्व की भूमिका अदा करेंगी और वह भारत का नेतृत्व करेंगी. हालांकि पार्टी नेताओं के भाषण के बाद जब मुख्यमंत्री ने अपना वक्तव्य शुरू किया तो उन्होंने साफ कर दिया कि देश का नेतृत्व करने यानी प्रधानमंत्री बनने की चाहत या इच्छा उनके दिल में नहीं है. उनका जन्म बंगाल की मिट्टी में हुआ है और वह बंगाल के लिए ही काम करते रहना चाहती हैं. बंगाल का विकास करना ही उनका मुख्य लक्ष्य है.

संघीय ढांचे को खत्म करना चाहता है केंद्र : सीएम

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र देश के संघीय ढांचे को खत्म करना चाहता है. वह (केंद्र सरकार) भूल गयी है कि केंद्र की तरह ही राज्य में भी जो सरकार है वह चुनाव जीत कर आयी है. केंद्र की नीतियों की वजह से बंगाल सहित कई राज्यों की आर्थिक हालत खराब हो गयी है.

इन राज्यों की स्थिति को सुधारने की बजाय इनके साथ राजनीति की जा रही है. जो भी राज्य सरकार अपने हक की मांग करती है, उनके खिलाफ सीबीआइ व इडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई की जा रही है. इन केंद्रीय एजेंसियों के अत्याचार की वजह से देश के 80 हजार से भी अधिक उद्योग अन्य देशों में चले गये हैं. विदेश से काला धन वापस लाना तो दूर, यहां के उद्योग भी दूसरे देशों की ओर जा रहे हैं. ममता अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस पर गुरुवार को धर्मतल्ला में आयोजित बड़ी सभा को संबोधित कर रही थीं. तृणमूल हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है. इसी दिन 1993 में राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग के घेराव के दौरान पुलिस फायरिंग में युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता मारे गये थे. तब ममता राज्य युवा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं.

मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र का राज्यों को अधिक फंड देने का दावा झूठा है. केंद्र ने राज्य में चलायी जा रही 39 योजनाओं को बंद कर दिया है और 58 योजनाआें के लिए आवंटित राशि कम कर दी गयी है. उन्होंने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गुजरात में वर्षों से व्यवसाय से जुड़े लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. सभी लोग चमड़े के बने जूते व बैग का इस्तेमाल करते हैं और लाखों लोग इस व्यवसाय के साथ जुड़े हुए हैं. गुजरात में दलितों के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी या सरकार यह तय नहीं कर सकती कि हम क्या खायें और क्या पहनें. भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सबको खाने, पहनने का अपना अधिकार है.

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की एक इकाई बंगाल में घर-घर जाकर गाय की गिनती कर रही है. किसी को भी इस प्रकार से गाय की गिनती करने का अधिकार नहीं है. वह कौन होते हैं, गायों की कितनी करनेवाले. उन्होंने कहा कि गौ रक्षा समिति व जागरण मंच के नाम पर लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है और यहां सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जा रहा है. बंगाल में इस प्रकार की घटना को कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा.

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