मिस्ड कॉल से प्यार में मिला धोखा, प्रेमिका का रंग सांवला देख प्रेमी उल्टे पांव भागा
कोलकाता: एक मिस कॉल, फिर प्यार भरी बातें. मैं उसके प्यार के आगोस में फंसती गयी. एक दिन उसने मुझे शादी करने के लिए कोलकाता आने को कहा. प्यार में पागल मैं उसे मना नहीं कर पायी. जब कोलकाता पहुंची, तो उसने मुझे देख कर ठुकरा दिया. उसके लिए मैं अपना सब कुछ छोड़ कर […]
कोलकाता: एक मिस कॉल, फिर प्यार भरी बातें. मैं उसके प्यार के आगोस में फंसती गयी. एक दिन उसने मुझे शादी करने के लिए कोलकाता आने को कहा. प्यार में पागल मैं उसे मना नहीं कर पायी. जब कोलकाता पहुंची, तो उसने मुझे देख कर ठुकरा दिया. उसके लिए मैं अपना सब कुछ छोड़ कर आयी थी. यह कहते हुए फफक पड़ी 18 साल की एक युवती. उसने सवाल किया कि क्या प्यार करने के लिए गोरी और सुंदर होना जरूरी है?
हावड़ा स्टेशन पर रविवार को घटी घटना से युवती सदमे में है. यह युवती आंध्रप्रदेश से युवती ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस में सवार होकर हजारों मिल दूर अपने प्रेमी से मिलने हावड़ा स्टेशन पहुंची. स्टेशन पर सांवली प्रेमिका को जब प्रेमी ने देखा, तो वह उल्टे पैर फरार हो गया. प्रेमी के फरार होने के बाद प्रेमिका स्टेशन पर दहाड़ मार कर रोने लगी.
घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ साउथ पोस्ट इंस्पेक्टर राजन कुमार, एसआइ अपरेस बेहरा, एसआइ के श्रीनिवास राव, एएसआइ बी दास और महिला कांस्टेबल झुम्मा राव वहां पहुंचे. आरपीएफ अधिकारियों ने युवती को समझा-बुझा कर चुप कराया गया. युवती से मिली जानकारी के अनुसार वह अांध्रप्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के नलाजेरला थाना अंतर्गत कोथारेटा गांव की रहनेवाली है. पिछले दिनों उसके मोबाइल फोन पर एक मिस कॉल आया. उसके बाद उसने उस नंबर पर कॉल किया, तो दूसरी तरफ से एक युवक की आवाज आयी. उसने बताया कि वह कोलकाता का रहनेवाला है. इसके बाद हर दिन एक बार बात होने लगी. यह सिलसिला तीन महीने चला और धीरे-धीरे अनजान युवक से प्रेम हो गया. हम दोनों ने फैसला किया कि अब शादी के बंधन में बंध जायेंगे. युवती ने बताया कि उसने उसे कोलकाता बुलाया.
उसके कहने पर उसने अपना सब कुछ छोड़ कर कोलकाता जाने का फैसला कर लिया. शुक्रवार को वह चुपके से तड़ेपल्लीगुड़म स्टेशन पहुंची और वहां से हावड़ा जानेवाली ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस में सवार हो गयी. हावड़ा स्टेशन पहुंच कर पहली बार उसने अपने प्रेमी को देखा था. यहां मेरा सपना टूट गया. उसके पास प्रेमी का पता-ठिकाना कुछ भी नहीं है. उसने आरपीएफ को बताया कि उसे थोड़ी बहुत हिंदी और अंगरेजी आती है. इसी भाषा में दोनों की बातें होती थीं. आरपीएफ ने मामले को जीआरपी के पास सौंप दिया है.