अब पर्वतारोहण के लिए राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य

कोलकाता. माउंट एवरेस्ट न केवल हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है, बल्कि इसे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी होने का भी गर्व हासिल है. दुनिया के हर पर्वतारोही का सपना होता है कि वह जिंदगी में कम से कम एक बार एवरेस्ट तक पहुंच जायें. दुनिया के सैकड़ों पर्वतारोही अपने इस सपने को पूरा करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2016 7:16 AM
कोलकाता. माउंट एवरेस्ट न केवल हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है, बल्कि इसे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी होने का भी गर्व हासिल है. दुनिया के हर पर्वतारोही का सपना होता है कि वह जिंदगी में कम से कम एक बार एवरेस्ट तक पहुंच जायें. दुनिया के सैकड़ों पर्वतारोही अपने इस सपने को पूरा करने में सफल भी हुए हैं तो कईयों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.

हाल ही में पश्चिम बंगाल के कुछ पर्वतारोही भी इस अभियान के दौरान अपनी जान गंवा बैठे. इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने अब एवरेस्ट एवं दुनिया की अन्य बड़ी पर्वतमालाओं पर चढ़ने के इच्छुक पर्वतारोहियों के लिए कुछ बेहद सख्त नियम बनाये हैं. अगर कोई पर्वतारोही राज्य सरकार को जानकारी दिये बगैर इस प्रकार के अभियान पर निकलता हैं आैर उसे किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ता है तो इस स्थिति में राज्य सरकार किसी भी प्रकार की मदद उपलब्ध नहीं करायेगी.

राज्य के खेल व युवा मामलों के मंत्री अरूप विश्वास ने मंगलवार को नवान्न में इन नये नियमों का एलान किया. नये नियम के अनुसार एवरेस्ट एवं दुनिया की अन्य ऊंची पर्वतमालाओं पर चढ़ने के इच्छुक पर्वतारोहियों की उम्र 50 वर्ष से कम हाेनी चाहिए. उसके पास पिछले पांच वर्ष के अंदर छह हजार मीटर से ऊंची कम से कम चार पर्वतमालाओं पर चढ़ने का अनुभव होना चाहिए. अभियान पर जाने से पहले किसी सरकारी अस्पताल से शारीरिक स्थिति की जांच अनिवार्य होगी. इच्छुक पर्वतारोही का पारिवारिक बीमा एवं राहत अभियान से संबंधित बीमा होना अनिवार्य है. राज्य सरकार, आर्थिक सहायता प्राप्त पर्वतारोहियों की तालिका नेपाल को सरकार को देगी, लेकिन अगर राज्य सरकार को बताये बगैर कोई पर्वतारोही अभियान पर जाता तो उसकी किसी प्रकार की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल सरकार नहीं लेगी. पर्वतारोहियों को बेस कैंप मैनेजर की जानकारी एवं स्थानीय फोन नंबर कमेटी को देना अनिवार्य होगा.

श्री विश्वास ने बताया कि इन नये नियमों को लागू करने एवं आवेदन करनेवाले पर्वतारोहियों की योग्यता की जांच करने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें युवा कल्याण‍ विभाग के प्रधान सचिव के अलावा एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके राज्य के चार पर्वतारोहियों को शामिल किया गया है. श्री विश्वास ने बताया कि वाममोरचा के 34 वर्षों के शासन में बंगाल से केवल चार लोग ही एवरेस्ट तक पहुंचे थे, जिनमें से दो का संबंध सेना से था, पर तृणमूल कांग्रेस के केवल पांच वर्ष के शासन के दौरान पश्चिम बंगाल के 18 पर्वतारोही एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा चुके हैं.

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