इन चार जिलों पर 2010 में माआेवादी प्रभावित का टैग लगा था. अगर केंद्र अपने इस विचार को लागू कर देता है, तो सबसे पहले इन चार जिलों से तैनात केंद्रीय सशत्र बलों की चार कंपनियों को हटा लिया जायेगा.
केंद्र से प्रत्येक जिले को मिलनेवाले 40 करोड़ की सालाना आर्थिक मदद पर भी रोक लग जायेगी. इस राशि का अधिकतर हिस्सा इन गरीब जिलों में विकास परियोजनाआें पर खर्च किया जा रहा है. केंद्रीय कैबिनेट सचिव के अधिन समीक्षा समूह की हालिया रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने यह विचार रखा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तथाकथित रेड कॉरिडोर की समीक्षा करने की जरूरत है. वर्तमान में पश्चिम बंगाल समेत देश के 10 राज्यों में वाम उग्रपंथी प्रभावित जिले हैं. पश्चिम बंगाल के माआेवादी प्रभावित जिलों में पिछले कुछ वर्षों में हुई उग्रवादी घटनाआें का ब्यौरा इस प्रकार है.