कोलकाता. दक्षिण दमदम नगरपालिका डेंगू की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है. मच्छर मारने के तेल के खर्च को 50 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ कर दिया गया है. गौरतलब है कि दक्षिण दमदम नगरपालिका में गत चार दिन में एक छात्र और दो महिला समेत तीन लोगों की मौत के […]
कोलकाता. दक्षिण दमदम नगरपालिका डेंगू की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है. मच्छर मारने के तेल के खर्च को 50 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ कर दिया गया है. गौरतलब है कि दक्षिण दमदम नगरपालिका में गत चार दिन में एक छात्र और दो महिला समेत तीन लोगों की मौत के बाद खलबली मच गयी है.
इस संबंध में नगरपालिका के चेयरमैन पांचू राय ने बताया कि नगरपालिका अंचल में डेंगू का कोई प्रकोप नहीं है. डेंगू से हुई मौतों के बारे में उन्होंने कहा कि नगरपालिका के सात नंबर वार्ड की रहनेवाली छात्रा की मौत साल्टलेक में अपने स्कूल में डेंगू के चपेट में आने से हुई है, जबकि शीला सिकदर और पंपा भट्टाचार्य दोनों तारापीट गयी थीं, वहीं डेंगू का मच्छर काटने से बीमार पड़ी थीं. उन्होंने साफ किया कि उनके नगरपालिका इलाके में कहीं भी डेंगू को कोई प्रकोप नहीं है. नगरपालिका अस्पाताल में मुफ्त में डेंगू परीक्षण और इलाज की सुविधा पहले से मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर कीटनाशक तेल का छिड़काव किया जा रहा है.
नगरपालिका पहले हर महीने मच्छर मारने के तेल पर 50 लाख रुपये खर्च करती थी जिसे बढ़ाकर दो करोड़ कर दिया गया है. दूसरी आेर आठ नंबर वार्ड के पार्षद व चेयरमैन परिषद के सदस्य (पानी व बिजली) अभिजीत मित्र बापी ने बताया कि उनके वार्ड में मच्छर और उनके लार्वा को नष्ट करने के लिए युद्ध स्तर पर सफाई अभियान और तेल का छिड़काव किया जा रहा है. उन्होंने स्वीकार किया कि उनके वार्ड में सात लोगों के डेंगू से पीड़ित होने की खबर है.
दमदम नगरपालिका में विशेष अभियान
दमदम नरगपालिका के चेयरमैन हरेंद्र सिंह ने बताया के नगरपालिका क्षेत्र में चार महीने पहले से ही डेंगू की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. नगरपालिका की महिला कर्मियों को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के काम पर लगाया गया है. उन्होंने बताया कि उनके अंचल में कुछ लोग वायरल बुखार की चपेट में हैं, लेकिन डेंगू से किसी के पीड़ित होने की उनके पास कोई खबर नहीं है. उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि दमदम नगरपालिका अस्पताल में फिलहाल तेज बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है.