महानगर के कई उद्योगपतियों ने इस योजना से जुड़ते हुए कई जानवरों को गोद लिया था, इस प्रक्रिया से चिड़ियाखाना प्रबंधन को 25 लाख रुपये का लाभ भी हुआ था. लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गयी है. इससे पहले चिड़ियाखाना के लगभग 42 पशुओं को गोद लिया था, लेकिन इस वर्ष जुलाई माह तक सिर्फ तीन-चार पशुआें को ही गोद लिया गया है.
इसलिए इस वर्ष प्रबंधन भी चिंता में है कि लाभ होगा या नहीं. इस संबंध में प्रबंधन ने कहा कि पिछले वर्ष जिन लोगों ने पशु-पक्षियों को गोद लिया था, इस वर्ष उन्होंने आवेदन ही नहीं किया. जिन लोगों ने गोद लिया था, उनसे प्रबंधन संपर्क भी नहीं कर पाया है. साथ ही लोग किस प्रकार से पशुओं को गोद लेंगे, इसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है. इसलिए प्रबंधन ने अब लोगों को जागरूक करने व पशुओं को गोद लेने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आठ होर्डिंग लगाया है.