नयी तकनीक के इस्तेमाल में लचीले हों बैंक : मोंटेक
कोलकाता. डिजिटल बैंकिंग के युग में पब्लिक सेक्टर बैंकों को नयी तकनीक के इस्तेमाल में और लचीला होना चाहिए नहीं तो उन्हें बाजार में अपनी हिस्सेदारी खोनी पड़ सकती है. यह कहना है योजना आयोग के पूर्व डेपुटी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया का. उन्होंने कहा कि जनधन, मोबाइल की मौजूदगी में भारतीय रिजर्व बैंक ने […]
कोलकाता. डिजिटल बैंकिंग के युग में पब्लिक सेक्टर बैंकों को नयी तकनीक के इस्तेमाल में और लचीला होना चाहिए नहीं तो उन्हें बाजार में अपनी हिस्सेदारी खोनी पड़ सकती है. यह कहना है योजना आयोग के पूर्व डेपुटी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया का.
उन्होंने कहा कि जनधन, मोबाइल की मौजूदगी में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के कामकाज के लिए नियामक बदलाव किये हैं. इसके अलावा आधार सिस्टम से किसी की पहचान की पुष्टि मुमकिन हो सकी है. इन सभी उपायों से बैंक अपना कामकाज बगैर लोगों के बैंकों में पहुंचने के हो सकता है. बैंकों को भी और व्यापक होना होगा, ताकि वे इसका लाभ उठा सकें. अब उन्हें अलग तरीके से काम करना होगा. जो ऐसा कर सकेंगे, वे बाजार में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ा सकेंगे. प्राइवेट बैंक में अधिक लचीलापन देखने को मिलता है.
वहीं, पब्लिक सेक्टर बैंक पुरानी विरासत के बोझ तले दबे हैं. उन्हें नयी तकनीक के इस्तेमाल के संबंध में लचीलापन दिखाना होगा, अन्यथा बाजार में उनकी हिस्सेदारी घट जायेगी. यह बेहतर है कि उनपर दबाव पड़ रहा है. उन्हें स्थिति का सामना करने के लिए अभिनव उपाय करने होंगे. ग्लोबसिन बिजनेस स्कूल ब्रांड सम्मिट के कार्यक्रम में श्री अहलूवालिया ने यह कहा.