एक ऐसा मेंटल अस्पताल, जहां नग्न रहने को मजबूर मरीज
कोलकाता : राज्य के एक बड़े सरकारी मेंटल हॉस्पिटल की दुर्दशा सामने आयी है. इस अस्पताल की हालत ऐसी है कि यहां महिला मरीजों के तन को ढ़कने के लिए कपड़े तक नहीं है. वह नग्न हालत में गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. आपको बता दें कि यहां मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर स्थित […]
कोलकाता : राज्य के एक बड़े सरकारी मेंटल हॉस्पिटल की दुर्दशा सामने आयी है. इस अस्पताल की हालत ऐसी है कि यहां महिला मरीजों के तन को ढ़कने के लिए कपड़े तक नहीं है. वह नग्न हालत में गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. आपको बता दें कि यहां मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर स्थित मेंटल हॉस्पिटल की बात हो रही है.
अस्पताल के इस फटेहाल का खुलासा मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए कार्य करनेवाली एक एनजीओ की ओर से किया गया है. एनजीओ के फाउंडर रतनाबली राय ने बताया कि एनजीओ के एक कर्मचारी ने इसी सप्ताह अस्पताल का दौरा किया था. इस दौरान वह पाया कि अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों की हालत काफी दयनीय है. महिला वार्ड में कई मरीज नग्न अवस्था में वार्ड के फर्श पर पड़ी हुई थीं, वहीं उसके चारों ओर कीड़ों-मकोड़ों का अंबार लगा हुआ था. दुर्गन्ध से भरे परिवेश में उन्हें रखा जा रहा है.
उन्होंने बताया कि वार्ड में ऐसी करीब 20 महिलाएं थीं, जो जमीन पर नग्न अवस्था में पड़ी हुई थी और चारों ओर से उन्हें कीड़े-मकोड़े घेर रखा था. इनमें से अधिकतर मरीज ऐसे हैं जिनके परिजन उनकी खबर तक नहीं लेते हैं.
उन्होंने बताया कि कुछ ऐसी ही दशा पुरुष वार्ड की है. अस्पताल की इस अवस्था से आम लोग व प्रशासन को अवगत कराने के लिए अस्पताल की मेल वार्ड की एक फोटो सोशल साइट पर हाल ही में उक्त एनजीओ द्वारा डाली गयी है. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में मरीजों के पीने के लिए शुद्ध पेयजल व शौचालय की सही व्यवस्था तक नहीं है. मरीजों को समय पर भोजन भी नहीं दिया जाता है. रतनाबली राय ने बताया कि अस्पताल की इस अवस्था से कई बार यहां के आला अधिकारियों को खबर दी गयी है, लेकिन हर बार वे इसे टाल देते हैं. ऐसे में अंत में एनजीओ की ओर से इसकी शिकायत स्वास्थ्य सेवा निदेशक प्रो डॉ विश्वरंजन सत्पथी से की गयी है. डॉ सत्पथी ने इस पर पहल किये जाने का आश्वासन दिया है.