डेंगू को जड़ से खत्म करने की नहीं है सोच

अमित शर्मा/शिव कुमार राउत 4 कोलकाता जब डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, तब शायद प्रशासन की नींद खुलती है और इसे रोकने की मुहिम शुरू होती है. यदि डेंगू को जड़ से खत्म करने पर ध्यान दिया जाये, तो शायद ही इस बीमारी का कोई शिकार हो. विश्व में लगभग 90 प्रतिशत देशों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 7:29 AM
अमित शर्मा/शिव कुमार राउत 4 कोलकाता
जब डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, तब शायद प्रशासन की नींद खुलती है और इसे रोकने की मुहिम शुरू होती है. यदि डेंगू को जड़ से खत्म करने पर ध्यान दिया जाये, तो शायद ही इस बीमारी का कोई शिकार हो. विश्व में लगभग 90 प्रतिशत देशों में डेंगू की समस्या है.
साउथ-ईस्ट के लगभग 11 देशों में से उत्तर कोरिया ही ऐसा देश है, जहां डेंगू को जड़ से खत्म कर पाने में सफलता मिली है. ऐसा वहां की सरकार व प्रशासन की तत्परता व कार्यों से हुआ है. उत्तर कोरिया जैसी पहल भारत में अभी तक क्यों नहीं की गयी? क्या डेंगू को जड़ से खत्म करनेे का सोच भारत में नहीं है? डेंगू के बढ़ते प्रकोप से यह सवाल उठना लाजिमी है.
ये बातें सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सजल विश्वास ने कहीं. वह ‘प्रभात खबर जन संवाद’ परिचर्चा में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे. उन्होंने डेंगू को जड़ से खत्म करने को लेकर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए डेंगू की रोकथाम के लिए कई सुझाव भी दिये. उन्होंने कहा कि वर्ष 1954 से भारत में डेंगू का प्रकोप देखा जा रहा है. पृथ्वी पर लगभग 90 प्रतिशत देशों में डेंगू का प्रकोप है.
साउथ-ईस्ट के लगभग 11 देशों में से 10 देशों में डेंगू का प्रकोप है. उत्तर कोरिया ही ऐसा देश है, जो डेंगू को जड़ से खत्म कर पाने में सफल रहा है. उसकी इस पहल से ही अन्य ऐसी कई बीमारियों का नामो-निशान वहां नहीं है. वहां की सरकार डेंगू के खात्मे के लिए खुद निगरानी करती है और वहां इस बीमारी का इलाज नि:शुल्क किया जाता है.
जागरूकता अभियान में भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी जाती, ठीक वैसे ही जैसे भारत में पोलियो की रोकथाम के लिए किया जाता है. पोलियो रोक पाने में भारत सफल रहा है, वैसे ही डेंगू पर अंकुश लगाने में उत्तर कोरिया सफल है.
डॉ विश्वास ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए केवल जागरूकता अभियान ही कारगर नहीं है, बल्कि इसकी रोकथाम के लिए सही कदम उठाना जरूरी है.
मसलन ब्लिचिंग पाउडर के छिड़काव से मच्छर और उसके लार्वा को समाप्त नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद ज्यादातर इलाकों में प्रशासन द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते देखा गया है. डेंगू ही नहीं, बल्कि हर मच्छर व उसके लार्वा को खत्म करने के लिए मैलथन अल्ट्रा लो वोल्यूम (यूएलवी) फॉगिंग व स्पेेश स्प्रे की जरूरत होती है. प्रति सप्ताह एक दिन इलाके में फॉगिंग व स्पेश स्प्रे करना जरूरी है. यदि किसी को डेंगू हो जाता है, तो जल्द से जल्द इसकी पहचान व चिकित्सा जरूरी होती है. इससे मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में डेंगू से होनेवाली मौतों का प्रतिशत मात्र एक फीसदी है, जबकि पश्चिम बंगाल में डेंगू से मृत्यु दर का प्रतिशत चार से पांच फीसदी है. बंगाल में डेंगू को जड़ से समाप्त करने के बजाय प्रशासन मृत्यु दर और इसके शिकार लोगों का सटीक आंकड़ा छिपाने की कोशिश करता है, जो मेडिकल साइंस के नियमों के खिलाफ है. यहां कई नियमों की अनदेखी होती है. मसलन अवैध निर्माण पर अंकुश लगाना काफी जरूरी है.
निर्माण के नियमों के तहत वैसी प्लानिंग की जाती है, ताकि जलजमाव की समस्या नहीं हो, लेकिन अवैध निर्माण या नियमों को ताक पर रख कर होनेवाले निर्माण के क्षेत्र में ऐसा नहीं होता है. इसलिए बंगाल में डेंगू के प्रकोप का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है. बंगाल में डेंगू के ज्यादातर मामले जून से नवंबर तक होते हैं, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण साल भर इसका प्रकोप देखा जा रहा है. राज्य में ऐसी स्थिति है कि नवबंर से मई तक डेंगू की रोकथाम का अभियान सुस्त हो जाता है. यदि वर्ष भर डेंगू की रोकथाम को लेकर अभियान चलाया जाये, सही व नियमित कीटनाशक का छिड़काव हो, तो डेंगू को जड़ से खत्म किया जा सकता है.
परिचर्चा के दौरान व्यवसायी रूपेश गुप्ता, शायर शाहिद हुसैन, कवि जीतेंद्र धीर, विमल शर्मा, सुशांत साहा समेत अन्य गणमान्य लोगों ने अपनी बातें रखीं.
कोलकाता को जैसे गदंगी से प्यार हो गया है. डेंगू की रोकथाम के लिए सरकार, प्रशासन के साथ जनता की भागीदारी भी अहम है. अपने घर को साफ करने व पड़ोसी का ख्याल नहीं रखने की बात छोड़नी होगी. डेंगू की रोकथाम के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा चलाये अभियान में थोड़ी सख्ती जरूरी है.
गीतेश शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार)
सरकारी अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों के इलाज की सटीक व्यवस्था हो. डेंगू से होेनेवाली मौत का आंकड़ा छिपाया नहीं जाये. प्रशासन डेंगू को जड़ से समाप्त करने की पहल करे.
भास्वति मुखर्जी (एसएसकेएम अस्पताल की सीनियर नर्स)
जब डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, तब सरकार व प्रशासन की नींद खुलती है. डेंगू का प्रकोप नहीं हो, इसके लिए पहले से कोशिश व अभियान की जरूरत है. काशीपुर समेत महानगर के कई इलाकों में साफ-सफाई की व्यवस्था सटीक नहीं है.
सुनील राय (शिक्षक)
गार्डेनरीच इलाके में डेंगू की रोकथाम को लेकर जागरूकता जरूरी है. मेरा इतना ही कहना है कि डेंगू को जड़ से खत्म करने की कोशिश करे प्रशासन. नियमित रूप से कीटनाशक का छिड़काव व जागरूकता अभियान चलाये प्रशासन.
कासिफ जफर (मानवाधिकार कर्मी)
केवल जागरूकता से बात नहीं बनेगी. स्वास्थ्य के लिए आबंटित होनेवाली राशि का सटीक उपयोग करे सरकार. डेंगू से निबटने के लिए सामाजिक संगठन के निर्माण की जरूरत है. केवल सरकार के भरोसे बैठने से काम नहीं चलेगा.
प्रेम कपूर (वरिष्ठ अनुवादक)
डेगू को जड़ से खत्म करना जरूरी है, लेकिन प्रशासन के साथ जनता की भागीदारी भी अहम है. मैं महानगर के वार्ड नंबर पांच इलाके का रहनेवाला हूं. वहां साफ-सफाई को लेकर निगम की पर्याप्त व्यवस्था है.
रंजीत झा (इंजीनियर)
डेंगू को जड़ से समाप्त करने के लिए जनता के साथ राजनीतिक हिस्सेदारी अहम है. डेंगू के प्रकोप के बाद सरकार व प्रशासन सजग होते हैं. यदि इसकी रोकथाम के लिए पहले में सजगता दिखायी जाती, तो शायद डेंगू की चपेट में कोई नहीं आता.
कुसम जैन (कवयित्री)
बांसद्रोणी में कई बहुुमंजिली इमारतें हैं. डेंगू को लेकर प्रशासन के निरीक्षण फ्लैट कैंपस में नहीं किये जाते हैं. राज्य में क्लबों को लाखों रुपये दिये‍ जाते हैं. स्वास्थ्य व साफ-सफाई के लिए भी क्लबों को जिम्मेदारी देनी चाहिए.
रावेल पुष्प (कवि)
डेंगू को जड़ से समाप्त करने के लिए एक नया सोच व चेतना की जरूरत है. यह चेतना सरकार, प्रशासन और जनता के बीच होना अहम है. साफ-सफाई की सटीक व्यवस्था के लिए सरकार, प्रशासन और जनता को साथ मेें काम करना होगा.
मोहम्मद अफसर (सामाजिक कार्यकर्ता)
डेंगू के शिकार गरीब लोगों का सटीक इलाज भी नहीं हो पाता है. गरीब व जरूरतमंद लोगों के इलाज में आरक्षण मिलने की जरूरत है. राज्य में रक्त की कमी है. प्रशासन को शायद इसकी गंभीरता का अंदाजा तक नहीं. राज्य में ज्यादा से ज्यादा रक्तदान शिविर लगाये जाने की जरूरत है. साथ ही डेंगू को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार और प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
राकेश कुमार सिंह (राजनीति से जुड़े)
साफ-सफाई की समस्या पूरे महानगर की है. डेंगू पर अंकुश लगाने के लिए जनता को भी जागरूक होना जरूरी है.
गणेश सिंह
डेंगू को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार और प्रशासन को पहले ध्यान देना होगा. यदि साफ-सफाई की सटीक व्यवस्था हो, तो केवल डेंगू ही नहीं, बल्कि कई बीमारियों की रोकथाम हो सकती है. जनता का सहयोग भी अहम है.
गुड्डन सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता)
प्रत्येक वर्ष डेंगू से कई लोगों की मौत होती है. इसके बावजूद सरकार व प्रशासन की ओर से सटीक कदम क्यों नहीं उठाये जाते? यदि डेंगू को रोकने के लिए पहले से सही कदम उठाये जाते, तो बीमारी विकराल रूप नहीं लेेती.
अमिताभ चक्रवर्ती (कवि)

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