टेक्नोलॉजी के प्रयोग से मदरसों में बढ़ी छात्रों की संख्या

कोलकाता. राज्य में चल रहे मदरसों में छात्रों की अनुपस्थिति व ड्रॉपआउट की समस्या से निबटने के लिए मदरसों में आधुनिक शिक्षा के साथ इंटीग्रेटिंग इसलामिक टेक्नोलॉजी शुरू की गयी है. इससे छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है. इस नयी प्रणाली में छात्रों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग के साथ भोजन में विटामिन पर साइंस की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2016 1:53 AM

कोलकाता. राज्य में चल रहे मदरसों में छात्रों की अनुपस्थिति व ड्रॉपआउट की समस्या से निबटने के लिए मदरसों में आधुनिक शिक्षा के साथ इंटीग्रेटिंग इसलामिक टेक्नोलॉजी शुरू की गयी है. इससे छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है. इस नयी प्रणाली में छात्रों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग के साथ भोजन में विटामिन पर साइंस की क्लास भी ली जा रही है.

छात्रों को डिजिटल स्टोरी के माध्यम से भोजन में विटामिन व पाैष्टिकता का महत्व बताया जा रहा है. साथ ही बच्चों को इंटरनेट से नयी जानकारियां सग्रहित करना सिखाया जा रहा है. वर्ष 2014 से ही मदरसों द्वारा अध्यापन व लर्निंग में नया फ्रेमवर्क तैयार करने से पांचवीं में छात्रों की संख्या दोगुनी हो गयी है. यह जानकारी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान के विकास के लिए काम कर रही संस्था विक्रम शिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी के एक सदस्य ने दी.

उन्होंने बताया कि मदरसों में अब कोई ड्रापआउट नहीं हो रहा है. कक्षा में छात्रों की उपस्थिति बढ़ रही है. कक्षा के बाद कंप्यूटर की कक्षाओं में भी अब मदरसे के बच्चे रुचि ले रहे हैं. टेक्नोलॉजी इन एडुकेशन के जरिये कंप्यूटर लैब शुरू किये जा रहे हैं. इंटरनेट के जरिये बच्चे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि मुसलिम विज्ञानी व ज्योतिष शास्त्री किस तरह पढ़ते हैं.

इस तकनीक से उनमें रुचि बढ़ रही है. मदरसे के एक शिक्षक ने बताया कि नये फ्रेमवर्क में पाठ्यक्रम में नयी तकनीक जोड़ी जा रही है. कई एप्लीकेशन्स का प्रयोग करते हुए छात्र नयी योजनाओं पर काम कर रहे हैं. छात्रों के लिए टेक्नोलॉजी एक विकल्प के रूप में काम आ रही है.

Next Article

Exit mobile version