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मालदा : बाढ़ से हालात और बिगड़े, अब तक दो की मौत

मालदा: मालदा जिले में बाढ़ से हालात और बिगड़ गये हैं. 14 अन्य गांवों में भी पानी घुस जाने से हर ओर त्राहिमाम है. पांच हजार से भी अधिक परिवार बेघर हो गये हैं. मालदा के जिला अधिकारी शरद द्विवेदी ने बताया है कि गंगा नदी पूरे उफान पर है. गंगा खतरे के निशान से […]

मालदा: मालदा जिले में बाढ़ से हालात और बिगड़ गये हैं. 14 अन्य गांवों में भी पानी घुस जाने से हर ओर त्राहिमाम है. पांच हजार से भी अधिक परिवार बेघर हो गये हैं. मालदा के जिला अधिकारी शरद द्विवेदी ने बताया है कि गंगा नदी पूरे उफान पर है. गंगा खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इसी वजह से कई अन्य गांव भी पलावित हो गये हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ तथा कटाव का जायजा लेने के लिए अगले महीने की 21 तारीख को केंद्रीय टीम आयेगी. इस बीच, बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जोर-शोर से जारी है. जिन लोगों का घर गंगा के गर्व में समा गया है उन्हें विभिन्न स्कूलों में बने अस्थायी शिविरों में रखा गया है. इस बीच, राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ को लगाया गया है. श्री द्विवेदी ने कहा कि एनडीआरएफ की एक टीम सबसे अधिक प्रभावित मानिकचक तथा कालियाचक-3 ब्लॉक में राहत एवं बचाव कार्य कर रही है. इसके अलावा कुछ स्वयंसेवी संगठन भी बाढ़ राहत के कार्य में जुटे हुए हैं. बाढ़ से हालांकि किसी के मारे जाने की कोई खबर नहीं है. दो लोगों की मौत पहले ही हो चुकी है.
जिला अधिकारी ने आगे कहा कि बाढ़ की परिस्थिति पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है. 24 घंटे इसी कंट्रोल रूम से बाढ़ की परिस्थिति पर निगरानी की जायेगी. उन्होंने इस विषम परिस्थिति में सभी से सहयोग करने की अपील की है.
मालदा जिले के चार ब्लॉकों में बाढ़ तथा नदी कटाव का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. मानिकचक, रतुआ-1, कालियाचक एक एवं दो ब्लॉक में बाढ़ से स्थिति गंभीर है. 45 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. गंगा के साथ ही फलहर नदी के उफान से भी बाढ़ की स्थिति बिगड़ी है. राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटे से बारिश नहीं हुई है. दो-तीन दिनों में दोनों ही नदियों के जल स्तर में कमी आने की संभावना है. इधर, कालियाचक-3 ब्लॉक के बिन नगर-1 ग्राम पंचायत इलाके में गंगा के कटाव से सैकड़ों परिवार बेघर हो गये हैं. इन सभी लोगों का घर गंगा में समा गया है.
शनिवार को इस इलाके के दौरे पर माकपा के पूर्व विधायक विश्वनाथ घोष तथा अन्य माकपा नेता पहुंचे. इन लोगों ने कटाव प्रभावितों के पुनर्वास की मांग की है. श्री घोष ने कहा कि जिन लोगों का घर गंगा में समा गया है, उन्हें जमीन देकर घर बना देने की मांग राज्य सरकार से की गई है. उल्लेखनीय है कि गंगा के कटाव में वैष्णवनगर के भाजपा विधायक स्वाधीन सरकार भी बेघर हो गये हैं. उनका घर भी गंगा में विलीन हो गया है. वह परिवार सहित अपने एक मित्र के घर शरण लिये हुए हैं. उनके भाई तथा परिवार के अन्य सदस्य भी रिश्तेदारों के घरों पर डेरा जमाए हुए हैं.

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