SC के फैसले के बाद जज्बाती हुईं ममता, कहा- अब शांति से मर सकती हूं

कोलकाता: सिंगूर में टाटा के नैनो प्रोजेक्ट के लिए पिछली वाममोरचा सरकार के भूमि अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिये जाने के फैसले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इतना जज्बाती बना दिया कि उन्होंने कह डाला कि अब वह शांति से मर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फौरन बाद राज्य सचिवालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 7:34 AM
कोलकाता: सिंगूर में टाटा के नैनो प्रोजेक्ट के लिए पिछली वाममोरचा सरकार के भूमि अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिये जाने के फैसले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इतना जज्बाती बना दिया कि उन्होंने कह डाला कि अब वह शांति से मर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फौरन बाद राज्य सचिवालय ‘नवान्न’ में संवाददाताओं से बातचीत में ममता ने कहा कि इस घड़ी के लिए उन्होंने दस वर्ष इंतजार किया. उस समय हम लोगों पर काफी अत्याचार किया गया था. पुलिस घर-घर जा कर अत्याचार कर रही थी. मुझे रास्ते पर कितनी बार रोका गया था, पर जो भी है सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ऐतिहासिक जीत है.
यह जन देवता, मां, माटी, मानुष, सच्चाई, ईमानदारी, कृषि आंदोलन आैर सिंगूर वासियों की जीत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस अवसर पर महाश्वेता देवी की बहुत याद आ रही है. आज अगर वह जिंदा होतीं तो हजार चौरासी की मां बेहद खुश होतीं. इस आंदोलन में तापसी मलिक समेत 14 लोग शहीद हुए थे. इस अवसर पर मैं उन सभी को याद कर रही हूं. नंदीग्राम व निताई में शहीद हुए सभी लोगों को वह याद कर रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सिंगूर के लोगों को सलाम करती हैं, जिन्होंने भूखे पेट रह कर आंदोलन का साथ नहीं छोड़ा.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि अदालत ने जो फैसला दिया है, वह उसे स्वीकार करती हैं. उच्चतम न्यायालय के निर्णय को किस तरह लागू किया जाये, इस पर विचार करने के लिए हम लोग गुरुवार को एक रणनीतिक बैठक करेंगे. 14 सितंबर को अगला प्रशासनिक समीक्षा बैठक सिंगूर में ही होगा. बैठक के बाद वहां विजय उत्सव मनाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दो सितंबर को राज्य के सभी ब्लॉक एवं महागनर के सभी वार्ड में सिंगूर उत्सव मनाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हैं. कृषि भूमि जबरदस्ती लिए जाने के खिलाफ हम लोगों ने जो लड़ाई लड़ी थी, उच्चतम न्यायालय ने उसे सही साबित कर दिया.
पिछली वाममोरचा सरकार पर हमला बोलते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि पिछली सरकार ने अवैध रूप से जमीन का अधिग्रहण किया था, वह उनकी ऐतिहासिक भूल नहीं, बल्कि ऐतिहासिक आत्महत्या थी. राज्य के नाम परिवर्तन का विरोध कर वह लोग (विपक्षी) एक बार फिर ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि आंदोलन में जो भी हमारे साथ थे, उन सभी का धन्यवाद. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की जमीन लौटाने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोग सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं. यह आंदोलन की जीत हैं. काफी दिनों का एक सपना पूरा हुआ. मैं बेहद खुश हूं. अब मैं शांति से मर सकती हूं. जनता को बेवकूफ व कमजोर न समझें. लोगों ने तो पहले ही फैसला सुना दिया था. अब अदालत ने भी मुहर लगा दी है.
टाटा के साथ भविष्य के रिश्तों के बार में मुख्यमंंत्री ने कहा कि उनके दिल में किसी के लिए किसी तरह के बदले की भावना नहीं है. जब मैं रेल मंत्री थी तो मैंने टाटा का एक भी टेंडर रद्द नहीं किया, आज भी टाटा समूह राज्य में काफी काम कर रहा है. टाटा के साथ एक मुद्दे पर विवाद था. इसका मतलब यह नहीं है कि उनके साथ हमारे संपर्क खत्म हो गये. अगर वह राज्य में निवेश के लिए आते हैं तो उनका स्वागत है.

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