जनता का नैतिक समर्थन मिला : विमान

कोलकाता. केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं फेडरेशन समूह द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी हड़ताल को राज्य की जनता का नैतिक समर्थन मिला. विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिला है. हड़ताल विफल करने के लिए तृणमूल सरकार ने पूरी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. यह कहना है वाममोरचा के प्रदेश चेयरमैन विमान बसु का. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2016 8:50 AM
कोलकाता. केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं फेडरेशन समूह द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी हड़ताल को राज्य की जनता का नैतिक समर्थन मिला. विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिला है. हड़ताल विफल करने के लिए तृणमूल सरकार ने पूरी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. यह कहना है वाममोरचा के प्रदेश चेयरमैन विमान बसु का. उन्होंने आरोप लगाया कि हड़ताल विफल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाये गये प्रचार अभियान में सरकारी पैसों का दुरुपयोग किया गया है. तृणमूल सुप्रीमो ने राज्य में करीब 73 बार हड़ताल बुलायी थी. क्या वह इसे भूल गयी हैं? हड़ताल केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलायी गयी थी. इसका विरोध कर तृणमूल संभवत: भाजपा के और करीब आना चाहती है. हड़ताल की सफलता का अंदाजा राज्य में होने वाली विद्युत की खपत से लगाया जा सकता है.

अन्य दिनों की तुलना में शुक्रवार को राज्य में करीब 710 मेगावाट बिजली की मांग में कमी आयी. शिल्पांचल इलाकों में भी इसका असर रहा, जबकि असंगठित क्षेत्रों से जुड़े श्रमिकों ने हड़ताल का व्यापक रूप से समर्थन किया.

हड़ताल के पक्ष में वामपंथी दलों और श्रमिक संगठनों की ओर से निकाली गयी रैलियों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की गयी. सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य समेत कई वामपंथी नेताओं को गिरफ्तार किया गया. हाइकोर्ट के अनुसार हड़ताल करने में कोई समस्या नहीं है. यह लोगों का नैतिक अधिकार है. हड़ताल का समर्थन किया जा सकता है और विरोध भी. लेकिन हड़ताल का समर्थन करने वालों पर हमला किया जाना और हड़ताल को जबरन विफल करने की कोशिश क्या सही है? उपरोक्त मुद्दे पर सीटू समेत 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेताओं ने कहा है कि हड़ताल को विफल करने के लिए तृणमूल सरकार की कोशिश के खिलाफ संभवत: वे अदालत से गुहार लगा सकते हैं. फिलहाल इस बारे में संगठन वरिष्ठ अधिवक्ताओं की राय ले रहे हैं.

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