जूट उद्योग में हस्तक्षेप करेगा कपड़ा मंत्रालय

कोलकाता. केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय जूट उद्योग के दीर्घावधि और लघु अवधि के मुद्दे हल करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप करेगा. पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था के लिए जूट उद्योग का खासा महत्व है. केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की जूट उद्योग के अंशधारकों के साथ बैठक के बाद कपड़ा सचिव रश्मि वर्मा ने कहा कि हम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2016 1:35 AM
कोलकाता. केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय जूट उद्योग के दीर्घावधि और लघु अवधि के मुद्दे हल करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप करेगा. पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था के लिए जूट उद्योग का खासा महत्व है. केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की जूट उद्योग के अंशधारकों के साथ बैठक के बाद कपड़ा सचिव रश्मि वर्मा ने कहा कि हम इस क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए दीर्घावधि के नीतिगत हस्तक्षेप का तरीका ढूंढ रहे हैं. मिल मालिकाें और किसानाें के साथ इसके लिए अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे. सरकार व्यापक बैठकाें के बाद क्षेत्र के लघु अवधि के मुद्दाें को भी हल करने का प्रयास करेगी.

इस बैठक में भारतीय जूट मिल संघ, जूट गांठ संघ, ट्रेड यूनियन, किसान संगठन और अन्य अंशधारक शामिल हुुए. सुश्री वर्मा ने बताया कि जूट मिलाें ने कड़ी प्रतिस्पर्धा तथा बांग्लादेश से सस्ते आयात का मुद्दा उठाया. वहीं, जूट की गांठ बनाने वालाें ने कहा कि उन्हें राशि भुगतान में देरी होती है, जिसकी वजह से किसानाें को भी देश से राशि मिलती है.

तृणमूल के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में अनिवार्य जूट पैकेजिंग कानून में बदलाव नहीं किया जाएगा, क्योंकि लाखाें लोगाें का जीवनयापन इससे जुड़ा है. बैठक में तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन व जूट आयुक्त सुब्रत गुप्ता भी उपस्थित थे.

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