कोलकाता. कांग्रेस के सात सदस्यों के तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाने से मुर्शिदाबाद जिला परिषद से भी उसका नियंत्रण समाप्त हो गया, जिसे पार्टी के लिए बड़ा aझटका माना जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस सांसद और परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 70 सदस्यीय मुर्शिदाबाद जिला परिषद में फिलहाल 69 […]
कोलकाता. कांग्रेस के सात सदस्यों के तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाने से मुर्शिदाबाद जिला परिषद से भी उसका नियंत्रण समाप्त हो गया, जिसे पार्टी के लिए बड़ा aझटका माना जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस सांसद और परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 70 सदस्यीय मुर्शिदाबाद जिला परिषद में फिलहाल 69 सदस्य हैं, जिनमें से 10 सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये.
इससे पहले हमारे पास 29 सदस्य थे और बहुमत के लिए हमें छह और सदस्यों की आवश्यकता थी. अब 39 सदस्यों के साथ बहुमत हमारे पक्ष में है. मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के प्रभारी अधिकारी ने कहा कि उनकी पार्टी में शामिल होनेवाले 10 सदस्यों में से सात कांग्रेस, दो माकपा और एक आरएसपी के हैं. इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह जिला लंबे समय तक पार्टी का गढ़ समझा जाता था. उन्होंने बताया कि अब अगले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस द्वारा अनास्था प्रस्ताव पेश किया जायेगा और जिला परिषद अध्यक्ष को हटाने की मांग की जायेगी. जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी ने अन्य पार्टियों से दल बदल करवाने का प्रयास किया, तो उन्होंने कहा कि पार्टी से जुड़े सदस्यों ने संवैधानिक प्रावधानों का पालन किया.
पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के एक और मजबूत गढ़ और मुर्शिदाबाद के पड़ोसी मालदा जिला परिषद पर कब्जा किया था़ उस समय कांग्रेस और वाम दलों के 14 सदस्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्ववाली पार्टी में शामिल हो गये थे.
गौरतलब है कि जिला परिषद पर कब्जा करने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस जिले के और दो नगरपालिका बहरमपुर व मुर्शिदाबाद पर कब्जा करने की तैयारी में जुट गयी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बहरमपुर नगरपालिका के कांग्रेस पार्षद सुब्रत मैत्र के नेतृत्व में चार पार्षद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इन पार्षदों के साथ-साथ कांग्रेस के एक विधायक की भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की खबर है. अगर ऐसा होता है, तो मुर्शिदाबाद जिले से कांग्रेस का वर्चस्व खत्म हो जायेगा.