बिहार में शराबबंदी लालू-नीतीश की नौटंकी : मांझी

महानगर पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हिंदुस्तानी अवाम मोचरा प्रमुख जीतनराम मांझी बोले ममता बनीं मुख्यमंत्री, लेकिन गरीब रह गये गरीब ही मोदी के कारण मिल रहा विश्व भर में समर्थन हावड़ा : शराबबंदी के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव नौटंकी कर रहे हैं. बिहार की गरीब जनता के हित के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2016 7:58 AM
महानगर पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हिंदुस्तानी अवाम मोचरा प्रमुख जीतनराम मांझी बोले
ममता बनीं मुख्यमंत्री, लेकिन गरीब रह गये गरीब ही
मोदी के कारण मिल रहा विश्व भर में समर्थन
हावड़ा : शराबबंदी के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव नौटंकी कर रहे हैं. बिहार की गरीब जनता के हित के लिए यह कानून नहीं बनाया गया, बल्कि इस कानून का इस्तेमाल गरीबों और अपने विरोधियों को समाप्त करने के लिए किया जा रहा है. उक्त बातें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कही.
रविवार को शरत सदन में आयोजित मगही मगध नागरिक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मांझी ने कहा कि आम जनता के साथ एेसा घिनौना काम करते उन्हें तनिक भी शर्म नहीं आती. राज्य में शराब पीनेवालों को 10 वर्ष की सजा है, लेकिन राज्य में आज भी 18 शराब फैक्टरियां चल रही हैं. आखिर ऐसा दोहरा मापदंड क्यों? क्या दूसरे राज्यों के लोंगो के लिए शराब पिलाने में उन्होंने कोई दोष नहीं दिखता ?
ऐसा करके वह अाखिर कितने दिनों तक आम जनता को गुमराह करेंगे. अब राज्य में बच्चे शराब की तस्करी करना शुरू कर दिये हैं. शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आयी है.
श्री मांझी ने कहा कि आज हमारे जवान उड़ी में जरूर शहीद हुए, लेकिन पाकिस्तान के इस कारनामे को पूरे विश्व पटल पर ले जाने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. आज उन्हीं के नेतृत्व के बदौलत हमें विश्व के तमाम देशों का समर्थन प्राप्त हो रहा है. पाकिस्तान विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ता जा रहा है. मेरा मनना है कि मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश सही दिशा में जा रहा है और आने वाले दिनों में हमारी सेना सही समय पर पाकिस्तान को माकुल जवाब देगी.
उन्होंने कहा कि बंगाल में परिवर्तन तो हुआ, लेकिन आज भी राज्य में गरीबों की स्थिति वाममोरचा काल के समान ही है. गरीबों का समर्थन लेकर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री तो जरूर बन गयीं, लेकिन गरीब जहां थे, वहीं रह गये.

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