यूजी स्तर पर जनरल पेपर में होगा बदलाव

कोलकाता: कलकत्ता यूनिवर्सिटी के अंतर्गत लगभग 180 कॉलेज एफिलियेटेड हैं. सभी कॉलेजों की स्नाताक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का दायित्व यूनिवर्सिटी पर है. काम के इस दबाव को कम करने के लिए कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने एक नयी योजना बनायी है. स्नातक स्तर पर जनरल परीक्षा पेपर में कुछ बदलाव किया जा रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2016 2:03 AM
कोलकाता: कलकत्ता यूनिवर्सिटी के अंतर्गत लगभग 180 कॉलेज एफिलियेटेड हैं. सभी कॉलेजों की स्नाताक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का दायित्व यूनिवर्सिटी पर है. काम के इस दबाव को कम करने के लिए कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने एक नयी योजना बनायी है. स्नातक स्तर पर जनरल परीक्षा पेपर में कुछ बदलाव किया जा रहा है. इसके लिए कलकत्ता यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा लगातार कॉलेजों के प्रिंसिपल के साथ बैठक की जा रही है.
जनरल परीक्षा के लिए नयी प्रश्न पेपर पद्धति बनायी जा रही है. यूनिवर्सिटी वर्तमान पद्धति में बदलाव करते हुए यूजी स्तर पर नयी परीक्षा प्रणाली शुरू कर रही है, जिससे उत्तर पुस्तिकाओं की ठीक से जांच की जा सके. यूनिवर्सिटी की ओर से जनरल परीक्षा में मल्टीपल च्वाइस प्रश्नों (एमसीक्यू) पर ज्यादा फोकस करते हुए वर्ष 2017-18 से इस प्रणाली को लागू करने पर विचार कर रही है. इसके लिए कई कॉलेज प्रिंसिपलों से सलाह ली जा रही है.
इस विषय में यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर (एकेडमिक) स्वागत सेन ने बताया कि यूनिवर्सिटी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में पारदर्शिता बनाये रखना चाहती है, ताकि छात्रों को कम से कम स्क्रूटनी की नाैबत पड़े. इसे ध्यान में रख कर बदलाव किया जा रहा है. एमसीक्यू-आधारित पेपर्स से कॉलेजों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन करने में काफी सुविधा होगी. बीए, बीएससी, बी कॉम परीक्षा के जनरल पेपर में निबंधात्मक प्रश्न बहुत कम या नहीं होंगे.
नयी प्रणाली के तहत इसमें 80 एमसीक्यू व 20 प्रतिशत निबंध टाइप के प्रश्न होंगे. प्रिंसिपल व टीचर्स से विचार-विमर्श करने के बाद फाइनल प्रस्ताव सभी कॉलेजों में भेज दिया जायेगा. यूजी के छात्रों को अभी किसी भी जनरल पेपर में एमसीक्यू प्रणाली से उत्तर नहीं देना होता है. एक बार बदलाव होने पर जनरल बीए, बीएससी व बी कॉम कोर्स के लिए परीक्षा फोरमैट में 80 प्रतिशत एमसीक्यू रहेंगे. इतिहास, जियोग्राफी, राजनीति विज्ञान, फिलोस्फी, इकोनोमिक्स, लैंग्वेज एंड लिटरेचर जैसे विषयों में भी मल्टीपल चोइस के प्रश्न ज्यादा रहेंगे. इन विषयों में यूनिवर्सिटी किसी भी स्ट्रीम में ऑनर्स में प्रश्नपत्रों के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं करेगी. ऑनर्स छात्रों को 70-80 प्रतिशत निबंधात्मक टाइप के सवाल दिये जाते हैं. बाकी के प्रश्नों के शॉर्ट उत्तर देने होते हैं.

इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. जनरल पेपर में एमसीक्यू-आधारित परीक्षा पैटर्न को अनिवार्य कर दिया जायेगा. साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत ताैर पर कॉलेजों को दिये जाने की योजना बनायी जा रही है. एमसीक्यू आधारित पेपर्स होने पर कॉलेजों को उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन करने में काफी सुविधा होगी. हालांकि वर्तमान में जनरल परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा रहा है. इसमें बदलाव कर इस पद्धति को 2017 से लागू किये जाने की योजना है. कॉलेजों के माध्यम से यूनिवर्सिटी द्वारा प्रश्नपत्र तैयार करने का काम वैसे ही जारी रहेगा. इस नयी प्रणाली से छात्रों में भी पूरा सिलेबस व सभी चैप्टर पढ़ने के लिए रुचि बढ़ेंगी. इसमें अलग-अलग कॉलेज प्रिंसिपलों की अलग-अलग राय है. सभी की सहमति के बाद फाइनल प्रस्ताव कॉलेजों में भेजा जायेगा.

Next Article

Exit mobile version