शिक्षा का स्तर बढ़ाने का हर प्रयास करेगी सरकार : पार्थ

अमर शक्ति कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 34 वर्ष तक शासन करनेवाले वाममोरचा ने शिक्षण संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा बना दिया था. वहां शिक्षा की बातें कम और राजनीति ज्यादा होती थी. वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद से ही तृणमूल सरकार शिक्षा का स्तर विकसित करने के प्रयास में जुट गयी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2016 7:53 AM
अमर शक्ति
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 34 वर्ष तक शासन करनेवाले वाममोरचा ने शिक्षण संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा बना दिया था. वहां शिक्षा की बातें कम और राजनीति ज्यादा होती थी. वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद से ही तृणमूल सरकार शिक्षा का स्तर विकसित करने के प्रयास में जुट गयी. तृणमूल सरकार का पहला लक्ष्य शैक्षणिक संस्थानों से राजनीति को दूर करना है.
यह कहना है राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का. प्रभात खबर से खास बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि शिक्षा को लेकर राजनीति नहीं की जा सकती. तृणमूल की सरकार बनने के बाद राज्य में कई नये विश्वविद्यालय बनाये गये. साथ ही महानगर और विभिन्न जिलों में करीब 34 नये कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है. सरकार शिक्षकों के प्रति अपनी सदभावना प्रस्तुत करना चाहती है. मुख्यमंत्री का कहना है कि शिक्षक ही समाज के गर्व हैं. उनको सम्मान देने से समाज, सभ्यता व राज्य का विकास होगा. इसलिए सत्ता में आने के बाद तृणमूल सरकार ने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए ‘शिक्षा रत्न’ सम्मान देना शुरू किया है.
प्रश्न : पिछले कुछ महीनों में महानगर और जिलों में स्थित कॉलेजों में झड़प की कई घटनाएं हुई हैं, जिसकी वजह से कॉलेज बंद करना पड़ा था. इसे रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है?
उत्तर : इस प्रकार की घटनाओं में मूलत: विरोधी पार्टियों की साजिश रहती है, जो सरकार को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ती. तृणमूल ने सभी कॉलेज व यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों को निर्देश दिया है कि पार्टी के बैनर तले कहीं भी कोई दूसरा संगठन नहीं बना सकता.
इसके साथ ही यूनियन के नेताओं को सख्त हिदायत दी गयी है कि वह किसी भी कॉलेज के प्रोफेसर व यूनिवर्सिटी के कुलपति का घेराव नहीं कर सकते. अगर ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ सांगठनिक और प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी.
प्रश्न : राज्य में शिक्षा के विकास के लिए सरकार क्या कर रही है?
उत्तर : शायद ही कोई ऐसा राज्य है, जहां बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए सरकार द्वारा मिड डे मील, कपड़ा, जूता, साइकिल के साथ अनुदान भी दिया जा रहा है. कन्याश्री व शिक्षाश्री योजना के तहत छात्र-छात्राओं को आर्थिक अनुदान दिया जा रहा है, जबकि सबूज साथी के तहत उनको साइकिल दी जा रही है. अब तक राज्य सरकार द्वारा 30 लाख से भी अधिक साइकिल का वितरण किया जा चुका है.
प्रश्न : सिंगूर आंदोलन को सरकार पाठ्यक्रम में क्यों शामिल करना चाहती है?
उत्तर : सिंगूर आंदोलन को पाठ्यक्रम में शामिल करना, सिर्फ राज्य सरकार का फैसला नहीं. बल्कि राज्य की जनता, साहित्यकार व समाज के विशिष्ट लोग भी ऐसा चाहते हैं. उनकी मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. सिंगूर आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री भी पुस्तक लिख रही हैं. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब लोग सिंगूर आंदोलन को लेकर रिसर्च व पीएचडी करेंगे और सिंगूर आंदोलन पर रिसर्च व पीएचडी करनेवालों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लिखी गयी पुस्तक काफी कारगर सिद्ध होगी.
प्रश्न : सिंगूर आंदोलन के पाठ्यक्रम में किन-किन घटनाओं का उल्लेख रहेगा?
उत्तर : सिंगूर आंदोलन को लगभग 10 वर्ष हो गये. लेकिन आज भी उस समय का घटनाक्रम हमें ऐसे याद है, जैसे वह कल की बात हो. किस प्रकार से लोग अपने जमीन की रक्षा के लिए गोलियों का सामना कर रहे थे, किस प्रकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थीं. मैं भी आंदोलन के समय सिंगूर के शानापाड़ा, बेड़ाबेड़ी, जयमोल्ला में कई दिनों तक आंदोलनकारी किसानों के साथ रहा. इस पूरी घटना का उल्लेख पाठ्यक्रम में रहेगा. साथ ही सिलेबस में मां-माटी-मानुष की नेत्री ममता बनर्जी द्वारा किये गये 26 दिनों के अनशन का भी उल्लेख होगा. धर्मतल्ला में 26 दिनों तक अनशन के बाद ममता बनर्जी ने 18 दिनों तक सिंगूर में धरना दिया था और इस बीच माकपा व तत्कालीन पुलिस प्रशासन ने क्या-क्या किया था, इसकी विस्तृत जानकारी सिलेबस में होगी.
प्रश्न : स्कूल व कॉलेजों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां कब तक होंगी?
उत्तर : स्कूल व कॉलेजों के रिक्त पदों को लेकर राज्य सरकार काफी चिंतित है. हालांकि टेट परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित हो चुका है और राज्य सरकार द्वारा बहुत जल्द इसकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी. शिक्षा विभाग पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से जल्द से जल्द 60 हजार शिक्षकों की नियुक्तियां करेगा. कॉलेजों के रिक्त पदों पर नयी नियुक्तियों के लिए सरकार विचार-विमर्श कर रही है.

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