खरीदारी का महामुहूर्त आज
कोलकाता. खरीदारी का महामुहूर्त रवि पुष्य योग इस बार दीपावली से आठ दिन पहले यानी 23 अक्तूबर ( रविवार) को आयेगा. 27 नक्षत्रों में से पुष्य और इसमें भी रवि पुष्य का होना खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस बार का रवि पुष्य योग इसलिए भी सबसे खास होगा क्योंकि इस दिन संयोग […]
कोलकाता. खरीदारी का महामुहूर्त रवि पुष्य योग इस बार दीपावली से आठ दिन पहले यानी 23 अक्तूबर ( रविवार) को आयेगा. 27 नक्षत्रों में से पुष्य और इसमें भी रवि पुष्य का होना खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस बार का रवि पुष्य योग इसलिए भी सबसे खास होगा क्योंकि इस दिन संयोग से श्रीवत्स योग बन रहा है और कालाष्टमी के साथ सूर्य एवं बुध का एक साथ होना भी इसे सर्वश्रेष्ठ बना रहा है.
अत: इस संयोग में की गयी खरीदारी अक्षय पुण्यकारी होगी. दीपावली से पहले रवि पुष्य नक्षत्र का योग 2013 में आया था. अब 2026 में आयेगा. इस बार यह योग 22 अक्तूबर शनिवार को रात 8.41 बजे से प्रारंभ हो गया है, जो अगले दिन रविवार की रात 8.41 बजे तक यानी पूरे 24 घंटे रहेगा. यह जानकारी ज्योतिषी सुशील पुरोहित ने दी है.
खरीदारी के लिए पुष्य ही क्यों खास
पुष्य को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है. इस नक्षत्र के देवता वृहस्पति हैं, जो ज्ञान-विज्ञान एवं नीति-निर्धारण में अग्रणी माने जाते हैं. यह शनि दशा को दर्शाता है. अत: पुष्य नक्षत्र स्थिरता का द्योतक भी माना जाता है.
इसमें की गयी खरीदारी समृद्धिकारक होती है.
पुष्य नक्षत्र का धातु सोना है. इस दौरान धन के देवता चंद्रमा अपनी राशि कर्क में विराजमान रहते हैं. इसलिए सोना-चांदी की खरीदारी सबसे शुभ मानी जाती है. व्यापार में वृद्धि होती है.
रवि पुष्य में भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थाई संपत्ति में निवेश करने से प्रचुर लाभ की संभावना रहती है.
23 को कब, क्या खरीदें
सुबह 9.23 से 10.47 बजे तक – जमीन-जायदाद, व्यापार का शुभारम्भ
सुबह 10.47 से दोपहर 12.11 बजे तक – वाहन, कम्प्यूटर, ज्वेलरी
दोपहर 11.48 से 12.35 बजे तक – वाहन, घरेलू वस्तुएं, ज्वेलरी
दोपहर 1.37 से दोपहर 2.59 बजे तक – स्वर्णाभूषण, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं
शाम 5.48 से रात्रि 7.27 बजे तक – प्रॉपर्टी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, घरेलू साज-सज्जा की सामग्री