जाली नोट के धंधे में हो रहा यौनकर्मियों का इस्तेमाल
मालदा. पुलिस और खुफिया विभाग की आंखों में धूल झोंकने के लिए जाली नोट तस्करों के सरगना यौनकर्मियों और असहाय महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. हाल ही में कोलकाता की एक महिला शांति बेपारी (35) की एक लाख रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तारी के बाद इस तरह के तथ्य सामने आये हैं. […]
मालदा. पुलिस और खुफिया विभाग की आंखों में धूल झोंकने के लिए जाली नोट तस्करों के सरगना यौनकर्मियों और असहाय महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. हाल ही में कोलकाता की एक महिला शांति बेपारी (35) की एक लाख रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तारी के बाद इस तरह के तथ्य सामने आये हैं. प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला है कि जाली नोट लाने-ले जाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल अधिक हो रहा है. इन महिलाओं में ज्यादातर यौन कर्मी हैं. इसके अलावा असहाय और अत्यंत गरीब घर की महिलाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन्हें मोटी रकम का लालच देकर जाली नोट के कारोबारी अपने धंधे से जोड़ रहे हैं.
पुलिस ने बताया कि गत 3 अक्टूबर को डेढ़ लाख रुपये के जाली नोट के साथ वैष्णव नगर थाना पुलिस ने लालपाड़ा इलाके से लतीफ शेख नामक एक व्यक्त को गिरफ्तार किया था.
उसके पास से बांग्लादेशी सीम कार्ड और पासपोर्ट भी मिला था. तभी से पुलिस के कान खड़े हो गये थे. मौके पर जाकर छानबीन करने पर पता चला कि सीमा से लगे गांवों में रहने वाले अनेक लोगों की नागरिकता संदिग्ध है. कई घरों में जाकर पड़ताल करने पर खुफिया अधिकारियों को पता चला कि परिवार के बेटों के पास भारतीय राशन कार्ड, वोटर आइ कार्ड और यहां तक कि आधार कार्ड भी है. लेकिन उनके पिता के पास बांग्लादेशी पोसपोर्ट है. अगर परिवार के मुखिया के पास बांग्लादेशी पासपोर्ट है तो उनके बेटे भारतीय कैसे हो सकते हैं.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गत 7 मई को वैष्णव नगर थाने के दौलतपुर गांव से 65 लाख रुपये के जाली नोट पकड़े गये थे. इस संबंध में बरकत अली नामक एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया था. उसका घर दौलतपुर गांव में ही है. उसकी गिरफ्तारी बीएसएफ के 20 नंबर बटालियन ने की थी. बाद में यह मामला एनआइए को सौंप दिया गया था.
पुलिस और खुफिया अधिकारियों के अनुसार, हर रोज एक लाख रुपये से अधिक के भारतीय जाली नोट सीमा पार से इस पार लाये जाने की कोशिश की जाती है. आम तौर पर 100 रुपये के बदले में 500 रुपये का एक नकली नोट दिया जाता है. वहीं 1000 रुपये का नकली नोट 200 रुपये में मिलता है. ये जाली नोट इतने बेहतर ढंग से बने होते हैं कि साधारण आदमी के लिए इसमें कोई खोट खोज पाना मुश्किल होता है.
जिला पुलिस सूत्रों ने बताया कि 2016 में सितंबर महीने तक विभिन्न जगहों पर चलाये गये अभियान में पुलिस और बीएसएफ ने करीब दो करोड़ रुपये के जाली नोट बरामद किये हैं.
इन घटनाओं में दो महिलाओं समेत करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 5 पंजाब, असम, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं. बाकी सभी बंगाल के ही हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि फटाफट अमीर बनने के लालच में कई आम लोग भी इस धंधे से जुड़ जा रहे हैं. इसके अलावा जाली नोटों के कारोबारी देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं को भी जोड़ने में लगे हुए हैं.