ऊर्जा गंगा से वाराणसी में 1000 करोड़ का होगा निवेश

कोलकाता : देश में प्राकृतिक गैस की सप्लाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थापित की जा रही जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा गैस पाइपलाइन परियोजना (ऊर्जा गंगा) वाराणसी के लिए नयी गंगा साबित होगी. इस पाइपलाइन की वजह से वाराणसी को पीएनजी और सीएनजी की न केवल निर्बाध आपूर्ति होगी बल्कि परोक्ष और अपरोक्ष रूप से करीब 6500 लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2016 6:32 AM
कोलकाता : देश में प्राकृतिक गैस की सप्लाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थापित की जा रही जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा गैस पाइपलाइन परियोजना (ऊर्जा गंगा) वाराणसी के लिए नयी गंगा साबित होगी. इस पाइपलाइन की वजह से वाराणसी को पीएनजी और सीएनजी की न केवल निर्बाध आपूर्ति होगी बल्कि परोक्ष और अपरोक्ष रूप से करीब 6500 लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा.
इस ऊर्जा गंगा के चलते वाराणसी में करीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है. जानकारी के मुताबिक वाराणसी शहर में सिटी गैस से संबंधित 800 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जानी है.
इससे 50 हजार घरों में पीएनजी की आपूर्ति की जा सकेगी. इतना ही नहीं वाराणसी में वाहनों का प्रदूषण दूर करने के उद्देश्य से शहर में सीएनजी आधारित वाहनों को बढ़ावा दिये जाने की भी योजना है. इस पाइपलाइन के शुरू हो जाने के बाद वाराणसी में 20 हजार वाहनों को सीएनजी उपलब्ध करायी जा सकेगी.
वाराणसी के घाटों को स्वच्छ बनाये रखने के उद्देश्य से वहां गैस आधारित मोक्षधाम बनाये जाने की भी योजना है. सरकार इस ऊर्जा गंगा के जरिए वाराणसी को विकसित कर उसके समृद्ध भारत में योगदान को सुनिश्चित करना चाहती है.
प्रधानमंत्री ने सोमवार को ऊर्जा गंगा से जुड़ी परियोजनाओं के अलावा भी कई अन्य परियोजनाओं की शुरुआत की. इनमें वाराणसी विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण, इलाहाबाद-वाराणसी रेल लाइन के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण परियोजना, वाराणसी के राजातालाब में पेरिशेबल कार्गो सेंटर का शिलान्यास और डीजल रेल इंजन कारखाना के विस्तारीकरण परियोजना शामिल है.

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