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जेएमबी बंगाल को ‘ट्रांजिट प्वाइंट” के रूप में इस्तेमाल कर रहा

कोलकाता: कहीं-कहीं पर अपनी खुली सीमा के चलते पश्चिम बंगाल एक आसान पारगमन बिंदु (ट्रांजिट प्वाइंट) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे आतंकी संगठनों व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए छिपने का एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है.सीआइडी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ पश्चिम बंगाल की सीमा कहीं-कहीं […]

कोलकाता: कहीं-कहीं पर अपनी खुली सीमा के चलते पश्चिम बंगाल एक आसान पारगमन बिंदु (ट्रांजिट प्वाइंट) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे आतंकी संगठनों व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए छिपने का एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है.सीआइडी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ पश्चिम बंगाल की सीमा कहीं-कहीं से खुली हुई है और इसका इस्तेमाल आतंकी संगठन देश में घुसने के लिए और अन्य राज्यों में जाने के लिए करते हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है. यह राज्य उनके लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है.
एक विशेष बल ने 2014 के खागरागढ़ विस्फोट मामले में जेएमबी के छह शीर्ष आतंकवादियों को सितंबर में पश्चिम बंगाल और असम से गिरफ्तार किया, जिनमें चार वांछित भी शामिल हैं. सीआइडी अधिकारियों ने बताया कि बेरोजगारी की स्थिति का फायदा उठा कर ये एजेंट आसानी से लोगों की भरती कर रहे हैं. इन संगठनों के भरती प्रकोष्ठ भी हैं जो उच्च विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों या नौकरी खोज रहे युवाओं को अपना संभावित निशाना बनाते हैं. उन्होंने बताया कि आजकल किसी दूसरे देश में हजारों किलोमीटर दूर बैठा कोई व्यक्ति किसी की प्रोफाइल को खंगाल सकता है ताकि वह एक संभावित उम्मीदवार चुन सके.
इसके बाद संगठन के स्थानीय एजेंट को उस व्यक्ति को सदस्य बनाने के लिए जरूरी काम करने का संदेश भेजा जाता है. कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राज्य की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और कुछ स्थानों पर सुरक्षा बंदोबस्त की कमी ने ऐसी घटनाएं पिछले दशक या इससे अधिक समय से संभव बनायी है. उन्होंने बताया कि शहर के मध्य हिस्से से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किये जाने से इस बात का खुलासा हुआ कि राज्य में आइएसआइ एजेंटों का एक नेटवर्क काम कर रहा है. उनमें से कुछ यहां भरती एजेंट हैं, कुछ अन्य उन इलाकों से सूचना जुटाते हैं जहां नौसेना, सेना या वायुसेना के ठिकाने हैं. ये लोग बड़ी मात्र में जाली भारतीय नोटों की तस्करी भी करते हैं.
बांग्लादेश में 15 हिंदू मंदिरों में की गयी तोड़फोड़
ढाका: फेसबुक पर इसलाम के प्रति असम्मान प्रदर्शित करने के आरोपों पर बांग्लादेश में कम से कम 15 मंदिरों में तोड़फोड़ की गयी, जिससे इस मुसलिम बहुल देश में अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत फैल गयी है. ब्राह्मणबरहिया जिले के नसीरनगर में रविवार को मंदिरों में तोड़फोड़ की गयी और 100 हिंदू मकानों में लूटपाट भी की गयी. पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, समीप के हबीबगंज के माधबपुर में भी दो मंदिरों पर हमला किया गया. इन घटनाओं को लेकर छह लोग गिरफ्तार किये गये हैंं. बीडीन्यूज 24 डॉट कॉम की खबर है कि नसीरनगर और माधबपुर उपजिला मुख्यालयों में रैपिड एक्शन बटालियन, पुलिस और सशस्त्र पुलिस बटालियन के साथ ही अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश भी तैनात किये गये हैं. जिला के उपायुक्त रिजवानुर रहमान और पुलिस अधीक्षक मिजानुर रहमान ने बाद में दोपहर को इलाके का दौरा किया. लेकिन, स्थानीय हिंदुओं के नेताओं का कहना है कि दहशत बनी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हरीपुर यूनियन परिषद के अंतर्गत आनेवाले गांव हरीनबरह के रासराज दास के फेसबुक पोस्ट के बाद नसीरनगर घटना घटी. वैसे उसके विरुद्ध ईशनिंदा का आरोप सामने आने के बाद उसे शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया. बांग्लादेश में गैर मुसलिमों के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है.

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